UP में तंबाकू खाने वालो की संख्या 44.1 प्रतिशत, बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाना शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारी

UP में तंबाकू खाने वालो की संख्या 44.1 प्रतिशत, बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाना शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारी

लखनऊ, अमृत विचार: शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाना शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारी है। ये बात मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने तंबाकू मुक्त युवा अभियान को लेकर आयोजित कार्यशाला में कही।

उन्होंने प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से कहा कि केंद्र की ओर से दी गई ऑपरेशनल गाइडलाइन में चेकलिस्ट के अनुसार अपने-अपने शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित करें। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद सभी प्रतिभागियों को तंबाकू उपभोग न करने की शपथ दिलाई। साथ ही तंबाकू का प्रयोग करने वालों को तंबाकू छोड़ने के लिए 1800-112-356 पर सुबह 8:00 से शाम 8:00 बजे तक (सोमवार छोड़कर) निःशुल्क कॉल करने के लिए कहा। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. मुकेश मातनहेलिया ने कहा कि तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाए, यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण-5 (वर्ष 2019-21) के अनुसार उत्तर प्रदेश में तंबाकू उपभोगकर्ता 44.1 प्रतिशत है, जो कि भयावह है। कार्यशाला में संयुक्त निदेशक शिक्षा डॉ. प्रदीप कुमार, राज्य सलाहकार सतीश त्रिपाठी एनटीसीपी, विवेक अवस्थी यूपीवीएचए आदि मौजूद रहे।

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