बदायूं: गंगा किनारे रेत की सफेद चादर पर सजने लगा तंबुओं का शहर मेला ककोड़ा
सोमवार तड़के श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्यदान करके किया दीपदान
ककोड़ा, अमृत विचार। रुहेलखंड के प्रसिद्ध मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में गंगा किनारे रेत की सफेद चादर पर तंबुओं का शहर बसने लगा है। श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। लगातार श्रद्धालु अपने निजी वाहन ट्रैक्टर ट्रॉली, कार, टेंपो, बाइक, बैलगाड़ी से पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं ने तड़के गंगा स्नान भी शुरू कर दिया है। हर हर गंगे के जयघोष के साथ डुबकी लगाई। संतों ने भी गंगा तीरे डेरा जमा लिया है। कुर्मियान और बरेली क्षेत्र में अधिकांश तंबू लग चुके हैं।
मुख्य मार्ग पर तिरंगा लाइट आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। वीआईपी और शासनिक प्रशासनिक अधिकारियों के तंबुओं में लाइटिंग व्यवस्था पूरी हो गई है। मेले में पेयजल के लिए 450 से ज्यादा नल लगाए हैं वहीं 250 से ज्यादा लोगों ने अपने व्यक्तिगत नल लगवाए हैं। स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए 550 शौचालय, 50 कमोड शौचालय बनाए गए हैं जबकि पलटा शौचालयों को बनाने का कार्य धीमी गति से चल रहा है। जिससे मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ है। गंगा में पानी का स्तर बढ़ गया है।
गंगा किनारे चिकनी मिट्टी की वजह से फिसलन हो रही है। मेला प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है। सोमवार को कई श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद जब बाहर निकले तो वहां फिसल गए। मेले में मीना बाजार सज रहा है। महिला प्रसाधन, खेल खिलौने, सब्जी, प्रसाद, जलेबी, खजला आदि की दुकानें लग चुकी हैं। मेले के मुख्य द्वार और मुख्य चौराहों पर चाट पकौड़ी के ठेले लग चुके हैं। धान के पुआल, मिट्टी के चूल्हों की बिक्री बढ़ गई है। कई दुकानदारों ने दुकानें सजा भी ली हैं। कपड़ों और कंबलों की दुकान भी सज गई हैं। जहां खरीदार पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से सब्जी की बिक्री भी तेजी से हो रही है। परचूनी की दुकानों से लोग लगातार खरीदारी कर रहे हैं। मेला उद्घाटन से के चलते मुख्य द्वार का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। वहीं बच्चों के मनोरंजन के लिए रेंजर टावर, बड़े झूले, बच्चों की ट्रेन, हवाई जहाज जैसे झूले तैयार हो रहे हैं। मौत का कुआं लगभग तैयार हो चुका है। मुख्य मार्ग के बीचों-बीच लगी तिरंगा लाइट आकर्षण का केंद्र है। साथ ही ट्यूबलाइट से मेला जगमग है।
वाच टावर से रखी जाएगी नजर
महिला श्रद्धालु के लिए गंगा घाट पर व्यवस्था दुरुस्त की गई है। गंगा घाट पर चारों तरफ से पैक चेजिंग रूम बनाए गए हैं। सोमवार सुबह लोगों ने गंगा स्नान करके सूर्य को अर्घ्यदान दिया। कई श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी कराया। उद्घाटन के दिन भीड़ के मद्देनजर वाच टावर लगाए जा रहे हैं।
गंगा में स्नान करने से धुल जाते हैं जन्म जन्मांतरों के पाप : संजीव
अखिल विश्व गायत्री परिवार और प्रखर बाल संस्कारशाला की ओर से मेला ककोड़ा में दीपदान करके मां गंगा की भव्य आरती की गई। स्काउट के जिला ट्रेनिंग कमिश्नर संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि मां गंगा के अमृत तुल्य जल में स्नान करने से मन स्वच्छ, भावनाएं पवित्र होती हैं और जन्म जन्मांतरों के पाप धुल जाते हैं। मां गंगा ही मोक्षदायिनी है। माधव शाक्य ने कहा कि मां गंगा की निर्मल धारा को कूड़ा करकट डालकर गंदा न करें। स्वच्छ बनाएं। गायत्री परिजनों और प्रखर बाल संस्कारशाला के सदस्यों ने मेला ककोड़ा गंगा तट पर दीप प्रज्ज्वलित कर दीपदान किया। मां गंगे के जयघोष किए। इस मौके पर हेमंत शर्मा, सौम्या शर्मा, मृत्युंजय शर्मा आदि मौजूद रहे।