वर्दीवाली बाई गिरफ्तार: भौकाल जमाने के लिए दरोगा बनकर घूमती थी घरों में चौका, बर्तन करने वाली महिला
अमृत विचार, देवरिया: घरों में चौका, बर्तन करके गुजारा करने वाली एक महिला समाज में भौकाल जमाने के लिए दरोगा की वर्दी पहनकर घूम रही थी। उसका पति पेशे से पुरोहिती करता है। महिला बच्चों की पढ़ाई के लिए लखनऊ में किराए के कमरे में रहती है। छठ पूजा पर बावर्दी गांव जा रही थी, पुलिस की नजर पड़ी तो शक हुआ। पकड़कर थाने लाया गया तो पूछताछ में उसने सच कुबूल दिया। पुलिस ने फिलहाल उसे मुचलका भरवाकर छोड़ दिया है।
वर्दी वाली यह महिला देवरिया जिले के खामपार क्षेत्र की रहने वाली है। खामपार थाना प्रभारी महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि महिला भाठपार रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरी। यहां से पति के साथ बाइक पर बैठकर गांव की ओर जा रही थी। पति पंडित के वेशभूषा में था और महिला पुलिस की वर्दी में कंधे पर स्टार लगाए थी। पुलिस को उसकी हरकतों से शक हुआ तो रोककर पूछताछ की गई। इसपर महिला हड़बड़ाने लगी। शक और गहराया तो उसे थाने लाया गया। यहां उसने बताया कि लखनऊ में रहकर बच्चों को पढ़ाती है। पति पुरोहित हैं और वो घरों में कामकाज करके किसी तरह गुजारा करती है। अकेली महिला होने की वजह से आते-जाते समय अक्सर लोग परेशान करते हैं। इससे बचने के लिए उसने तरकीब निकाली। उसने एक वर्दी सिलवाई और दरोगा बनकर आने-जाने लगी। इससे शोहदों से पीछा छूट गया और अक्सर सफर करते हुए किराया भी नहीं देना पड़ता था। इंस्पेक्टर ने बताया कि महिला की वर्दी जब्त कर ली गई है। मुचलका भरवाकर उसे हिदायत के साथ छोड़ा गया है।
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