मुरादाबाद : मरीजों की जान से खिलवाड़, पंजीकृत 243 एम्बुलेंस में से 139 अनफिट
बिना पंजीकृत एम्बुलेंस की संख्या पहुंची 600 पार, संभागीय परिवहन विभाग चेकिंग कर रहा कार्रवाई
मुरादाबाद, अमृत विचार। मरीजों की जान बचाने वाली एम्बुलेंस का भरोसा करना अब खतरे से खाली नहीं रह गया है। जिले में पंजीकृत एम्बुलेंस से तीन गुना से अधिक एम्बुलेंस बिना पंजीयन और मेडिकल फिटनेस के चल रही हैं। हालांकि संभागीय परिवहन विभाग में अब एम्बुलेंस अस्पतालों के नाम पंजीकृत करने का नियम आ गया। जिसके कारण अधिकतर एम्बुलेंस बिना पंजीकृत कराए ही लोग एंबुलेंस का संचालन कर रहे हैं। बिना मानक पूरे किए एम्बुलेंस में मरीजों को ढो रहे चालक उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। हालांकि संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी एम्बुलेंस की चेकिंग कर कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं।
संभागीय परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल के अधिकारी अब एम्बुलेंस की चेकिंग कर कार्रवाई करने का दावा तो कर रहे हैं। लेकिन, पिछले पांच माह के दौरान संभागीय परिवहन विभाग प्रवर्तन दल के अधिकारी की कार्रवाई में कोई एम्बुलेंस दर्ज नहीं है। एम्बुलेंस चालक जिसका पूरा फायदा उठा रहे हैं। मानक पूरे किए बिना ही मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाली एंबुलेंस की संख्या जिले में 800 का आंकड़ा पार चुकी हैं। हालांकि संभागीय परिवहन विभाग में मात्र 243 एंबुलेंस ही पंजीकृत हैं। जिसमें 139 एम्बुलेंस एक वर्ष से अनफिट चल रही है।
60 एम्बुलेंस चालकों के नाम पर और 183 एम्बुलेंस नये नियम के अनुसार डॉक्टर और अस्पतालों के नाम पर चल रही हैं। हालांकि बिना पंजीयन जिले में 600 से अधिक एम्बुलेंस चल रही हैं। जिसमें ऐसे एम्बुलेंस चालकों की संख्या देहात क्षेत्र में अधिक है। संभागीय परिवहन विभाग ने केवल अनफिट एम्बुलेंस को नोटिस जारी किए है।
हालांकि संभागीय परिवहन विभाग प्रवर्तन दल अधिकारी आनंद निर्मल का कहना है कि अनफिट एम्बुलेंसों के पंजीकरण निरस्त किए गए है और आगे भी इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं एम्बुलेंस की मेडिकल फिटनेस स्वास्थ्य विभाग की ओर दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग में एंबुलेंस की मेडिकल फिटनेस देने वाले डॉक्टर प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया मंडलायुक्त और जिलाधिकारी की बैठक में कई बार बिना पंजीकरण मेडिकल फिटनेस कराए मरीजों को ढो रही एम्बुलेंस की जांच कर कार्रवाई करने आदेश दिया है। जिस पर कई संभागीय परिवहन विभाग से पंजीकृत एम्बुलेंस की सूची मांगी गई है। लेकिन, अभी तक संभागीय परिवहन विभाग से कोई सूची नहीं दी गई हैं।
जिला अधिकारी की मीटिंग में कई बार जिले में कितनी एम्बुलेंस चल रहीं हैं उन्हें चेक करने लिए कहा गया था। संभागीय परिवहन विभाग से एम्बुलेंस की सूची मांगी गई थी। बिना मानक पूरा किए चलने वाली एंबुलेंस को चेक कर उनके पंजीयन निरस्त की रिपोर्ट संभागीय परिवहन विभाग को भेजी जा सके। लेकिन, संभागीय परिवहन विभाग अधिकारी अब तक ऐसी एम्बुलेंस की सूची नहीं दे पाए हैं।- डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी एंबुलेंस
बिना मानक पूरे किए चलने वाले वाहनों की चेकिंग कर उन पर कार्रवाई की जाएगी। कई बार एंबुलेंस में मरीज होने के कारण उसको छोड़ना पड़ जाता है। छह महीने पहले अस्पतालों के नाम पर चलने वाली एंबुलेंस पर कार्रवाई की गई थी। हालांकि कुछ मारुति वैन भी एम्बुलेंस में तब्दील हो कर चल रही हैं। जिनकी संख्या लगभग 500 से 600 के बीच है। जिनकी सूची तैयार कर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। -आनंद निर्मल, एआरटीओ (प्रवर्तन)
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