बरेली: जंक्शन पर स्टैंड के नाम पर अवैध वसूली के खिलाफ फूटा आरएसी का गुस्सा

ई-रिक्शा व टेंपो चालकों से अवैध वसूली का लगाया गया आरोप

बरेली: जंक्शन पर स्टैंड के नाम पर अवैध वसूली के खिलाफ फूटा आरएसी का गुस्सा

बरेली, अमृत विचार। जंक्शन पर कार, ई-रिक्शा व टेंपो स्टैंड पर अवैध वसूली के खिलाफ रजा एक्शन कमेटी ने आवाज उठाई है। मंगलवार को आरएसी के पदाधिकारी जंक्शन पहुंचे डीआरएम मुरादाबाद के नाम एक ज्ञापन दिया।

संगठन के महानगर अध्यक्ष सईद सिब्तैनी ने बताया कि बरेली जंक्शन के बाहर निजी वाहनों व ई-रिक्शा व टेंपो के स्टैंड पर चौबीसों घंटे गुंडागर्दी के बल पर अवैध वसूली की जा रही है। ठेकेदारों और उनके गुंडों ने स्टैंड के लिए निर्धारित क्षेत्र से बहुत बाहर तक सार्वजनिक स्थान व आम रास्ते को अपनी जागीर मान लिया है। आलम ये है कि पुलिस चौकी व नुक्कड़ पान भंडार के पास ही ई-रिक्शा व टेंपो रोक दिए जा रहे हैं। वहां से यात्रियों को भारी सामान के साथ बरेली जंक्शन तक जाने को मजबूर किया जा रहा है। ई-रिक्शा व टेंपो चालक अगर पुलिस चौकी से कुछ कदम भी आगे बढ़ जाते हैं तो उनसे गाली-गलौज और मारपीट कर कम से कम 30 रुपये छीन लिए जाते हैं। पुलिस चौकी से आगे बढ़कर बाईं ओर मुड़ते हुए अगर कोई एमईएस कैंट की ओर जाना चाहे तब भी उसे अवैध वसूली करने वालों की गुंडागर्दी झेलनी पड़ती है। मांग की गई कि ई-रिक्श व टेंपो चालकों को इस उत्पीड़न से बचाया जाए। इस मौके पर हाफिज सलीम, मौलाना लियाकत हुसैन, मोहम्मद जुनैद, मोहम्मद यूसुफ, सैयद मुशर्रफ हुसैन, सैयद रिजवान, इब्ने हसन, मोहम्मद फुरकान, काशिफ रजा, शोएब रजा, मोहम्मद इरशाद, मोहिद रजा, मोहम्मद याकूब, सोहेल, आसिफ रजा, अफजल रजा, मोहम्मद ताहिर, गुल हसन, मोहम्मद अहमद, उस्मान रजा आदि मौजूद रहे। 

यात्रियों की छूट जात है ट्रेन
आरोप लगाया कि ठेकेदार व उनके गुर्गों की गुंडागर्दी से तंग आकर ई-रिक्शा व टेंपो चालक सवारियों को मजबूरन पुलिस चौकी के पास ही उतारना पड़ता है। समय कम होने के कारण लोगों की ट्रेनें तक छूट जाती हैं। ठेकेदार के गुर्गे केवल डंडे ही नहीं बल्कि अवैध हथियार तक लेकर खड़े रहते हैं। 

सवारी उतारने पर भी काटते हैं पर्ची
जंक्शन पर पहुंचते ही वाहनों की पर्चियाँ काटी जा रही हैं, जबकि नियमानुसार स्टैंड पर भुगतान केवल उन्हीं से लेना चाहिए जो अपना वाहन खड़ा करके अंदर जा रहे हैं। मगर सवारियां उतारने पर भी पर्ची काट दी जा रही है। विरोध करने पर गाली-गलौज और मारपीट की जाती है।

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