बरेली: 411 पन्नों की जांच रिपोर्ट में दर्ज हुए लोन की शौकीन 'टीचर दीदी' के कारनामें

कार्रवाई को लेकर डीआईओएस ने लिखा प्रबंधक को पत्र

बरेली: 411 पन्नों की जांच रिपोर्ट में दर्ज हुए लोन की शौकीन 'टीचर दीदी' के कारनामें

प्रशांत पाण्डेय, बरेली, अमृत विचार। दो पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) कार्ड पर अवैध रूप से करोड़ों का लोन लेने वाली एमबी इंटर कालेज में कार्यरत अंग्रेजी की शिक्षिका वंदना वर्मा  के खिलाफ चल रही जांच पूरी हो गई है। बीते बुधवार को को नामित जांच अधिकारी इनायतपुर राजकीय हाईस्कूल की प्रधानाचार्य कुसुमलता ने 411 पन्नों की जांच रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंप दी। इस पूरी फाइल में शिक्षिका के पैन कार्ड से करोड़ों का लोन लेना, फर्जी दस्तावेजों को तैयार कर बैंक और शिक्षा विभाग को गुमराह करने जैसे तमाम साक्ष्य शामिल हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से अब शिक्षिका के खिलाफ प्रबंधक को जांच रिपोर्ट  के आधार पर जरूरी कार्रवाई  को लेकर पत्र भेजा जाएगा।
 
दो माह पहले जिलाधिकारी और डीआईओएस से हुई थी शिकायत 
शिक्षिका की धोखाधड़ी और जालसाजी को लेकर अगस्त माह में जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक से शिकायत की गई थी। शिकायत के आधार पर दो माह तक चली जांच में शिकायत के सभी बिंदुओं के साक्ष्यों के साथ पुष्टि भी हो गई है। जांच अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षिका के पास एक अधिकृत पैन कार्ड के अलावा एक अन्य पैन कार्ड का अनाधिकृत रूप से उपयोग लगातार किया जा रहा है। दोनों पैन कार्ड के जरिए यूपी सहित उत्तराखंड के गदरपुर के बैंक से भी लोन लिया गया है। इसके अलावा जालसाज शिक्षिका ने अपने परिचितों को भी गुमराह कर लाखों रुपये का लोन लिया है।

खेल में बहन और एक करीबी भी शामिल
जांच रिपोर्ट के मुताबिक लोन के इस खेल में शिक्षिका वंदना के अलावा उसका करीबी अर्जुन और उसकी बहन रेखा भी शामिल हैं। दोनो भाई- बहनों गदरपुर के बैंक में वंदना की सहमति पर उसके दस्तावेजों में फेर बदल कर 20-24 लाख का लोन ले रखा है। बैंक में जमा दस्तावेजों में यह बताया गया है कि रेखा एमबी इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक कार्यरत है। जांच आगे बढ़ी तो बैंक के फार्म 16 को देखकर जांच अधिकारी को पता चला कि अर्जुन और रेखा ने पैन नंबर एमबी कॉलेज कॉलेज का ही दर्ज कराया था। गोपनीय सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट खंगालने पर अर्जुन और वंदना के बीच लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन खुलासा हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक अर्जुन और रेखा की ओर से बैंक को दिए गए दस्तावेज वंदना के ही थे। वंदना ने खुद लिखित रूप से अपनी जालसाजी को स्वीकार भी किया है। 

एलडीएम, प्रधानाचार्य और आरटीओ ने भी शिक्षिका को माना जालसाज
जांच अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक तमाम बैंकों के प्रबंधक, एलडीएम (लीड डिस्ट्रिक मैनेजर), संभागीय परिवहन अधिकारी और शिकायतकर्ता के दिए सभी दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर शिक्षिका के दो पैन कार्ड बनवाने और उनके इस्तेमाल से तमाम बैंकों से लोन लेना प्रमाणित हुआ है। प्रधानाचार्य ने भी जांच अधिकारी को पत्र देकर बताया है कि शिक्षिका ने स्वयं अपना वेतन प्रमाण पत्र विद्यालय के प्रधानाचार्य के फर्जी हस्ताक्षर से बनाया और स्वहस्ताक्षरित माफीनामा भी प्रधानाचार्य को सौंप दिया है।

जिला विद्यालय निरीक्षक  देवकी सिंह ने बताया कि दो माह पहले इस संबंध में शिकायत आई थी, जांच रिपोर्ट के आधार पर शिक्षिका के संबंध में दंडात्मक व अन्य विभागीय कार्रवाई को लेकर एमबी इंटर कॉलेज के प्रबंधक को पत्र भेजा जा रहा है। शिक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर प्रबंधक निर्णय लेंगे। जांच अधिकारी  (प्रधानाचार्य ) कुसुम लता ने बताया कि दो माह पूर्व इस प्रकरण की जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप दी गई है। जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हो गया  कि शिक्षिका की सेवा आचरण नियमों में कोई आस्था नहीं है और शिक्षिका ने जांच के दौरान तथ्यों को छिपाने की नियत से झूठे बयान भी दर्ज कराए हैं।

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