तिलक की बात बताते ही भड़क उठी...कार में ही गला दबाकर मार डाला: कानपुर में हत्यारोपी जिम ट्रेनर गिरफ्तार, बोला- दृश्यम मूवी देखकर बनाया प्लान
कानपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस में स्थित ग्रीनपार्क स्टेडियम के जिम ट्रेनर विमल सोनी ने कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता गुप्ता को अपहरण कर ले गया था। पत्नी के जिम न पहुंचने पर राहुल गुप्ता ने परिजनों के साथ कोतवाली थाने जाकर तहरीर दी थी।
(यह आरोपी विमल सोनी है)
कहा था कि पत्नी के बैंक खातों से लाखों की नकदी और घर से पूरे गहने गायब है। उनकी पत्नी के साथ अनहोनी की आशंका है। इसके बाद भी पुलिस ने मामले को हल्के में लिया, तो कारोबारी और उसके परिजनों ने कोतवाली में हंगामा किया था। इसके बाद पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर एकता और जिम ट्रेनर के मोबाइल पर फोन किया था, दोनों के फोन स्विच ऑफ जाते रहे।
पुलिस ने शनिवार रात को आरोपी विमल सोनी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर डीएम पुलिस ने खुदाई कर कंकाल बरामद कर लिया। आरोपी ने बताया कि हत्या करने के बाद वह पंजाब भाग गया। जहां उसने नौकरी भी की। उसने बताया कि दृश्यम मूवी देखकर हत्या का प्लान बनाया था। आरोपी ने बताया कि कार में बैठते ही 24 जून को एकता को मैंने जैसे ही अपने तिलक होने के बारे में बताया, वैसे ही वह भड़क उठी और भला-बुरा कहने लगी। आवेश में आकर कार में ही गला दबाकर मार डाला। इसके बाद शव को गाड़ दिया था।
25 जून को जिम ट्रेन की कार बरामद हुई थी
जिम ट्रेनर के पास से शोएब नाम से रजिस्टर्ड कार मिली थी। पुलिस ने उसे जिम ट्रेनर और महिला के लापता होने के बाद 25 जून को कार बरामद की थी। कार में रस्सी, टूटा क्लेचर, तौलिया, सिम ट्रे व अन्य सामान बरामद हुआ था।
घटनास्थल के आसपास रहते है न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारी
वीआईपी रोड स्थित जिलाधिकारी आवास से सटे ऑफिसर्स क्लब और उसके आसपास बने सरकारी आवासों में न्यायिक और प्रशासनिक अफसर परिवार के साथ रहते हैं।
(मृतका एकता के पति ने कपड़ों से शिनाख्त की)
वहीं बड़े कारोबारियों के प्लैट और घर भी है। खास बात यह है कि अगर जिम ट्रेनर की बात सही है, तो अति सुरक्षित मानें जाने वाले इस स्थान तक महिला को कैसे ले गया। वहां महिला की हत्या और शव गड्ढा कर दफना भी दिया गया।
जबकि जिलाधिकारी व ऑफिसर्स क्लब में रहने वाले अफसरों के घरों व कैप कार्यालय में आने-जाने वालों का रात तक तांता रहता है। इससे बड़ी बात यह कि अब तक किसी को बदबू तक नहीं लगी। दफना भी दिया गया।
अफसरों को ट्रेनिंग देने जाता था
जिलाधिकारी व ऑफिसर्स क्लब में कुछ लोगों को आरोपी जिम ट्रेनर को ट्रेनिंग देते जाता था। उसकी एक जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी से करीबी होने की बात भी बात भी सामने आई है। इसकी वजह से उसका अक्सर कैंपस में आना-जाना था और उसे कोई नहीं रोकता टोकता था।