कासगंज: दहेज की मांग पूरी न होने पर गिरवा दिया दो माह का गर्भ

कासगंज: दहेज की मांग पूरी न होने पर गिरवा दिया दो माह का गर्भ

कासगंज, अमृत विचार: शादी में कार न मिलने पर ससुरालियों द्वारा उत्पीड़न करने और दो माह का गर्भ गिरवाए जाने का पीड़िता ने आरोप लगाया है। वहीं आरोपियों ने आरोपों से इनकार करते हुए न्यायालय में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिसे विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी एक्ट ने खारिज कर दिया।

थाना सिकंदरपुर वैश्य के ग्राम खुड़इया निवासी महेश चंद्र ने अपनी पुत्री रजनी कुमारी की शादी सहावर थाना क्षेत्र के ग्राम हाजीपुर निवासी विजय सिंह के साथ 23 जून 2023 में की थी। शादी में महेश चंद ने अपनी क्षमता अनुसार दान-दहेज दिया था। आरोप है कि दिए गए दान-दहेज से ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए। कुछ दिन बाद अतिरिक्त दहेज के रूप में कार की मांग करने लगे। कार नहीं देने पर रजनी कुमारी का तरह-तरह से उत्पीड़ित करने लगे। उसकी मर्जी के खिलाफ 5 फरवरी 2024 को एक नर्स के यहां उसका दो माह का गर्भ गिरवा दिया। 

ससुराल वालों के उत्पीड़न से परेशान होकर पीड़िता ने अपने परिजनों को सूचना दी। सूचना पाकर पिता महेश चंद कुछ लोगों को साथ लेकर बेटी की ससुराल पहुंचे। बेटी के ससुरालयों को समझाया, लेकिन वह नहीं माने। मामले में रजनी कुमारी ने पति विजय, ससुर कृपाल, सास विमला देवी, ननद स्नेहलता व प्रेमलता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

इसकी जानकारी होने पर आरोपियों ने अपने अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। प्रकरण में झूठा फंसाया जाना बताते हुए अग्रिम जमानत की याचना की। जिसका विशेष लोक अभियोजक लोकेश कुमार ने कड़ा विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी एक्ट सुधाकर राय ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।

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