कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव : चुनावी दंगल के पुराने खिलाड़ी हैं भाजपा-सपा और बसपा के घोषित प्रत्याशी

भाजपा-सपा ने कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के पुराने चेहरों पर खेला दांव

कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव : चुनावी दंगल के पुराने खिलाड़ी हैं भाजपा-सपा और बसपा के घोषित प्रत्याशी

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव फिर रोचक हो गया है। इस चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा के घोषित प्रत्याशी चुनावी दंगल के पुराने खिलाड़ी हैं। सपा के मोहम्मद रिजवान कुंदरकी से तीन बार विधायक चुने गए हैं तो रामवीर भी 2017 में भाजपा से कुंदरकी से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा के लिए कुंदरकी नया क्षेत्र हो सकता है, लेकिन विस चुनाव के वह भी पुराने खिलाड़ी हैं।

बात करें सपा प्रत्याशी मो. रिजवान की तो वह तीन बार इस विधानसभा क्षेत्र से 2002, 2012 और 2017 में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर विधायक बन चुके हैं। वह 2022 में टिकट न मिलने पर बसपा से चुनाव लड़े लेकिन तीसरे नंबर पर रहे। यहां से सपा के जियाउर रहमान बर्क विधायक चुने गए थे।

वहीं भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह भी 2017 में कुंदरकी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन, जीत नहीं मिली। 2022 में पार्टी ने कमल प्रजापति को उम्मीदवार बनाया था, वह भी चुनाव हार गए थे। रामवीर सिंह भी कुंदरकी विस के हर पगडंडी से परिचित हैं। टिकट से पहले उन्होंने इस क्षेत्र में जगह-जगह पोस्टर बैनर लगाकर अपनी दमदार दावेदारी प्रस्तुत की और नेतृत्व का भरोसा जीतने में सफल रहे।


2022 में बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़े थे मोहम्मद रिजवान
2022 में कुंदरकी विधानसभा के चुनाव में सपा प्रत्याशी जियाउर रहमान बर्क को कुल 1,25,792 वोट मिले थे। जो 46.28 प्रतिशत था। वह जीते थे। जबकि भाजपा के प्रत्याशी कमल कुमार को 82,630 वोट मिले थे। जो 30.4 प्रतिशत रहा। बसपा यहां तीसरे नंबर पर रही। बसपा प्रत्याशी मो. रिजवान को 42,742 वोट हासिल हुए थे। जो कुल मतों का 15.73 प्रतिशत रहा। हालांकि इस बार सपा के टिकट पर वह प्रत्याशी हैं।

बसपा के छिद्दा भी पांचवीं बार आजमाएंगे किस्मत
कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में बसपा के घोषित प्रत्याशी चुनावी राजनीति के पुराने व बसपा के विश्वस्त सिपहसालार हैं। उन्होंने 17 प्रत्याशियों में अपना टिकट पक्का कराया। वह तीन दशक से बसपा के निष्ठावान व भरोसेमंद रहे। वह संभल व असमोली विधानसभा से चार बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली। अब पांचवी बार पार्टी नेतृत्व ने उन्हें कुंदरकी विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी बनाकर उतारा है। बसपा जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश का कहना है कि रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा पार्टी से तीन दशक से जुड़े हैं। वह पार्टी में प्रभारी भी रहे हैं। उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का इस चुनाव में पूरा फायदा मिलेगा।

सपा का मजबूत गढ़ है कुंदरकी
कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र सपा का मजबूत गढ़ है। 2022 में कुंदरकी से सपा के विधायक बने जियाउर रहमान बर्क के 2024 में संभल से सपा के सांसद निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। पिछले चुनाव में सपा के निर्वाचित विधायक जियाउर रहमान बर्क को 46.28 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था। 2012 से यहां सपा अजेय है। अब इस सीट पर उप चुनाव में समाजवादी पार्टी फिर से अपना सिक्का बरकरार रखना चाहती है तो भाजपा 1993 के बाद फिर यहां कमल खिलाने में लगी है।

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