अमृत विचार की पहलः सिर्फ कागजों पर साफ है शहर, धरातल पर सच्चाई बयां कर रहे परेशान लोग
लखनऊ, अमृत विचार: यूं तो आलमबाग स्थित बाबू कुंज बिहारी वार्ड के मोहल्ला गीता पल्ली में रहने वाले लोगों की बिजली, पानी, साफ-सफाई, सड़क आदि कई समस्याएं हैं लेकिन मोहल्ले से गुजरता नाला लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। तल तक नाला साफ न होने से यह अक्सर चोक रहता है और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस ओवरफ्लो नाले की वजह से आसपास के घरों व दुकानों में ऐसा गंदा पानी भरता है कि निकलना मुहाल हो जाता है।
ईको गार्डन की तरफ से नाले के सहारे आया गंदा पानी निकासी न हो पाने के कारण पूरे मोहल्ले में भर जाता है। यही नहीं गलियों में मौजूद नालियों का है, जिनकी नियमित साफ-सफाई नहीं होती है और वह हर समय बजबजाती रहती हैं। इसमें मच्छरों के लारवा पनपते रहते हैं। जगह-जगह सड़कों पर पड़ा कूड़ा नियमित सफाई न होने की तस्दीक करता है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि इस बारिश में नाला सफाई के लिए नगर निगम ने योजना बनाई। जरूरत के मुताबिक बजट भी मिला। लेकिन धरातल पर सफाई नहीं हुई। कागजों पर यह नाला पूरी तरह साफ हो चुका है।
गड्ढाभरो अभियान के बाद भी जर्जर सड़कों की हालत नहीं बदली
गीता पल्ली में सड़कों की हालत काफी खराब है। गड्ढाभरों अभियान ने भी यहां की सड़कों तस्वीर नहीं बदल सकी। गड्ढे ठीक ढंग से नहीं भर पाए। नतीजा बारिश और नाले से हुए जलभराव के कारण सड़कें थोड़ी दूर चलने पर ही जगह-जगह से जर्जर नजर आएंगी। इसके बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई है। इन टूटी सड़कों में आएदिन गिरकर लोग घायल होते हैं।
संभलकर चलें कॉलेज के आगे मेनहोल खुला पड़ा है
वहीं लोक भारती इंटर कालेज के पास कई दिनों से नाली का मेनहोल खुला पड़ा है। इस रास्ते तमाम लोगों का गुजरना होता है। बावजूद इसके अब तक इसे ढका नहीं गया है। इसमें गिरकर कोई भी गंभीर रूप से चोटिल हो सकता है।
गलियों में लाइट नहीं
गीतापल्ली मोहल्ले की ज्यादातर गलियां में डूबी रहती हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं है। ज्यादातर गलियों में लाइट न होने की वजह से महिलाओं को रात के वक्त निकलने में असुविधा होती है। रात में स्ट्रीट लाइट बहुत बडे़ क्षेत्रफल में जलती नहीं हैं।
पार्क के पास नशेड़ियों युवाओं का जमघट
लोगों का कहना है कि पुलिस के संरक्षण से हसनापुर तिराहा से तुलसी उपवन पार्क के पास मादक पदार्थों की बिक्री होती है। शाम होते ही पार्क के पास बेचने और खरीदने वालों का जमघट लगता है। ज्यादातर युवा पीढ़ी खरीदने आती और कार के अंदर बैठकर सेवन करते हैं। आपस में विवाद होता है। मोहल्ले के लोगों से अक्सर तकरार होती है। लोगों पर इसका गलत असर पड़ता है। यदि कोई टोकता है तो मारपीट पर आमाद हो जाते हैं और धमकी देते हैं। वहीं, पार्क के बाहर लोगों ने अवैध पार्किंग बना दी है। जो बाउंड्रीवाल के पास चार पहिया वाहन खड़े करते हैं। इससे पार्क का गेट तक दब गया है।
तिरछे पोल से मंदिर को खतरा
हसनापुर तिराहा के पास गली में माता शीतला का छोटा मंदिर है। इससे सटा बिजली का तिरछा पोल कभी भी गिर सकता है। इससे लोगों को खतरा है और मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम और बिजली विभाग में शिकायत करके थक चुके हैं। अनदेखी इतनी है कि स्थानीय लोगों ने अपने प्रयासों से सड़क बनवाई थी।
हजारों घरों को पानी की दिक्कत
इसके अलावा मोहल्ले में सप्लाई के पानी की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से एक सबमर्सिबल से सैकड़ों घरों में पानी की आपूर्ति होती है। जो घरों की संख्या अधिक होने के कारण पर्याप्त नहीं है। लोगों ने एक और सबमर्सिबल की मांग की है।
लोगों के मन की बात
जलभराव की यहां पर बड़ी समस्या है। बारिश के दिनों में हालात बहुत खराब हो जाते हैं। गंदा पानी घरों के अंदर तक आ जाता है। -शैलेन्द्र
नालियों से सिल्ट निकाला ही नहीं जाता है जिससे गंदगी जमा है और मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। कई बार पार्षद से कहा गया मगर कोई सुनवाई नहीं। –सुरेश चौरसिया
सफाई कर्मचारी हफ्ते में सिर्फ एक दिन आते हैं जिससे सड़क पर गंदगी जमा रहती है। इससे आवागमन में दिक्कत होती है। सफाई व्यवस्था को लेकर शिकायत की जा चुकी है। –यशपाल शर्मा
नाला क्षतिग्रस्त पड़ा है। कई बार पार्षद से लेकर नगर निगम तक के जिम्मेदारों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। -एसएन दुबे
टूटे नाले की वजह से कई बार लोग गिरकर चोटिल हो चुके हैं। सबसे ज्यादा समस्या रात में आती है मोड़ पर कुछ न दिखने की वजह से लोग गिरते हैं। -संजीव गिरी
कुछ क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट दिखती है। जो कभी जलती है तो कभी बंद पड़ी रहती है। रात में महिलाओं को निकलने में डर लगता है उनके साथ कभी भी कोई हादसा हो सकता है। –राजू
खंभा झुका हुआ है और कभी भी गिर सकता है। इसकी शिकायत नगर निगम से कर चुके हैं कि खंभे को बदल दिया जाये पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं। –सत्य प्रकाश यादव
पीने के पानी की बहुत किल्लत है। बहुत दूर से ढोकर पानी लाना पड़ता है। इलाके की हजारों की आबाद एक सबमर्सिबल के सहारे है। –राजेन्द्र कुमार
छुट्टा जानवरों की वजह से स्थानीय निवासियों का निकलना दुश्वार है। जानवर रास्तों पर खड़े हो जाते है जिसे आने जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। -लल्ला सिंह
आवारा कुत्तों का डर बना रहता है। रात में निकलने पर कुत्ते दौड़ा लेते है। रात में किसी काम से निकलने के लिए सोचना पड़ता है। एक तो अंधेरा ऊपर से आवारा पशु कब क्या हो जाए कहना मुश्किल है।-कृष्णा
जलभराव यहां की पुरानी समस्या है। कई बार इसके लेकर शिकायत की गई लेकिन सिर्फ खानापूरी की जाती है। बजट एडजेस्टमेंट का खेल चलता है। –कमलेश कुमार शुक्ला
गंदगी की वजह से आये दिन बच्चे बीमार होते है। फागिंग भी सिर्फ कागजों पर होती है। मलेरिया, डेंगू का खतरा हमेशा बना रहता हैं। -सबीना
सप्लाई का आने वाला पानी बहुत गंदा आता है जिसको पीना बीमारियों को दावत देना है। पानी खरीदकर पीना पड़ता है जोकि बहुत मंहगा पड़ता है। –सुधु कनोजिया