बहराइच सांप्रदायिक हिंसा: आरोपियों के घरों पर चलेगा बुलडोजर या लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

बहराइच सांप्रदायिक हिंसा: आरोपियों के घरों पर चलेगा बुलडोजर या लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद PWD ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा किया है और जवाब मांगा है। PWD ने नोटिस के जरिए कहा है कि अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों ने अवैध निर्माण किया है जिसकी वजह से रास्ता बाधित है। अगर तीन दिन में निर्माण खुद से नहीं हटाया तो PWD कार्रवाई करेगा। वहीं अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्तावित बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।

सु्प्रीम कोर्ट में यह याचिका बहराइच हिंसा से जुड़े आरोपितों के रिश्तेदारों की तरफ से दाखिल की गई है। जिसमें मुख्य आरोपित की बेटी भी है। वहीं बताया जा रहा है कि महराजगंज के कुछ लोगों ने नोटिस चस्पा होने के बाद खुद ही मकान तोड़ना शुरू कर दिया है। लोग बुलडोजर कार्रवाई से सहमे हुये हैं और मलबे में तब्दील होने से पहले मकान की ज्यादा से ज्यादा चीजे बचा लेना चाहते हैं।  इसके अलावा नोटिस चस्पा हुये मकानों को खाली भी किया जा रहा है। PWD ने अतिक्रमण हटाने का नोटिस चस्पा किया था। जिसका असर सामने आया है।

दरअसल,बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से कार्रवाई चल रही है। एक याचिका के जरिये उसी में  एक इंटरवेंशन एप्लिकेशन दाखिल की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, किसी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता कि वह आरोपी है। जिसपर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिये अपने जवाब में कहा था कि किसी का भी घर इसलिए नहीं गिराया गया कि वह आरोपी है।

बताया जा रहा है कि एप्लिकेशन 3 लोगों द्वारा दायर की गई। जिसमें एक मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार है, दूसरी दिल्ली की संस्था एसओसीएसएम फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट है, जो राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है। यह जानकारी हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के वकील सैयद अकरम आजाद की तरफ से दी गई है।

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