लखनऊ: डॉक्टर बनना गुनाह हो गया, सफेद कोट के सब दुश्मन, जानिये अनशन पर बैठे डॉक्टर ने यह क्यों बोला

लखनऊ: डॉक्टर बनना गुनाह हो गया, सफेद कोट के सब दुश्मन, जानिये अनशन पर बैठे डॉक्टर ने यह क्यों बोला

लखनऊ, अमृत विचार। हमने तो गुनाह कर दिया डॉक्टर बनकर, यहां तो हर कोई सफेद कोट का दुश्मन बन बैठा है। यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गेट पर धरना दे रहे डॉ. दिव्यांश का। 53 घंटे से अधिक समय से अनशन पर बैठे केजीएमयू रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश ने बताया कि हम अपने सुरक्षा की ही तो मांग कर रहे हैं, इसके लिए भी कानून बनाने में दिक्कत आ रही है, लोग हमारे साथ अभद्रता कर रहे हैं। इससे हमें लगता है कि क्या हमने डॉक्टर बनकर गुनाह कर दिया है। 

डॉक्टर प्रदर्शन

डॉ.दिव्यांश को बुधवार दोपहर में अनशन पर बैठे 53 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है, शरीर में भोजन न जाने से उनका कमजोर होना स्वाभाविक है, सड़क पर लेट कर ही बात कर रहे थे, अपने धरने और प्रदर्शन की जरूरत बता रहे थे, लेकिन जैसे ही डॉक्टरों की सुरक्षा की बात आई वह तरोताजा हो उठे और सुबह आये एक फोन कॉल का जिक्र छेड़ दिया। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह 10:30 बजे के करीब पुलिस विभाग की तरफ से एक फोन आया था, बातचीत के दौरान हमारे अनशन और धरने से वह अधिकारी नाराज हो उठे। ऐसी टिप्पणी की जो नहीं करनी चाहिए। पुलिस का दबाव हमपर बनाना गलत है। इतना ही नहीं रेजीडेंट डॉक्टरों का धरना यहां गेट पर बीते दो दिनों से चल रहा है मंगलवार शाम को कुछ बाहरी लोग यहीं पास में आकर शराब पीने लगे, हमने सुरक्षा गार्ड को बुलाया,लेकिन कोई नहीं आया। इतना ही नहीं पुलिस को बुलाया तो वह आधे घंटे बाद आई और हमसे ही पूछने लगी कि यहां क्या कर रहे हो। तब हमने बताया कि केजीएमयू परिसर हमारा घर है, हम यहां पर रेजीडेंट डॉक्टर हैं। रही बात यहां बैठने की तो हम अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर यहां धरना दे रहे हैं। इस पर भी हमारे साथ जो व्यवहार किया गया, वह ठीक नहीं था। इसबीच शराब पीने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। डॉ. दिव्यांश ने कहा कि यह बातें आपको इसलिए बता रहे हैं कि हमारे सुरक्षा की मांग से बहुत से लोग नाराज हैं, लेकिन हमारी समस्या कोई नहीं समझ रहा है। हमें अपने लिए सुरक्षा मांगने का अधिकार भी नहीं है।

इमेज केजीएमयू

जानिये डॉक्टर क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन

किंग जार्च चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेजीडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को पूरी तरह से काम बंद कर दिया। ओपीडी सेवायें बाधित कर दी, साथ ही ओटी में भी कोई सहयोग नहीं किया। रेजीडेंट डॉक्टर ओपीडी में बुधवार सुबह तानाशाही नहीं चलेगी, आश्वासन नहीं न्याय चाहिए, मैं मर गई पर वह जिंदा है, जैसे नारों लिखी तख्तियां हाथों में लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। रेजीडेंट डॉक्टर कोलकता के आरजी मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के विरोध में हड़ताल पर हैं, अनशन कर रहे हैं। आक्रोशित डॉक्टरों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। वह प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर अड़े हुये हैं।

रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि हम मरीजों की समस्या समझते हैं, यही वजह है कि इमरजेंसी सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं डाला जा रहा है। वहीं केजीएमयू प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि रेजीडेंट डॉक्टरों के प्रदर्शन से कोई खास असर नहीं पड़ा है। सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को ओपीडी में इलाज दिया है। बुधवार को 6 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आये और डॉक्टरों ने उनकों इलाज दिया।

यह भी पढ़ें: बहराइच हिंसा: SP ने सीओ के निलंबन को लिखा पत्र, ग्रामीणों ने लगाया था लाठी चार्ज का आरोप