विश्व हॉस्पिस और पैलिएटिव केयर दिवस पर International Journal की हुई शुरुआत, जानिये इसका महत्व

विश्व हॉस्पिस और पैलिएटिव केयर दिवस पर International Journal की हुई शुरुआत, जानिये इसका महत्व

लखनऊ, अमृत विचार। वर्ल्ड होस्पिस एंड पैलिएटिव केयर डे के अवसर पर एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स  (AID) और आस्था सेंटर फॉर जेरिएट्रिक मेडिसिन, पैलिएटिव केयर हॉस्पिस व समाज कल्याण समिति ने साउथ एशियाई जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक मेडिसिन, सर्जरी, पैलिएटिव केयर और हॉस्पिस का अनावरण किया है। इससे बुजुर्गों और असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जीवन देने में मदद मिलने की बात बताई जा रही है।

जर्नल के कार्यकारी संपादक डॉ. अभिषेक शुक्ला ने बताया कि साउथ एशिया के आठ देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में बुजुर्गों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इतना ही नहीं बुजुर्गों को उम्र के इस पड़ाव में कई बीमारियों से भी दो चार होना पड़ता है। ऐसे में उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की चुनौतियों को कम करने में यह जर्नल सहायक साबित होगा।

महानगर स्थित आस्था सेंटर फॉर जेरिएट्रिक मेडिसिन, पैलिएटिव केयर हॉस्पिस में आयोजित कार्यक्रम में केजीएमयू की कुलपति प्रो. डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय जर्नल की शुरुआत होने से चिकित्सा पेशेवरों, शोधकर्ताओं, और नीति निर्माताओं को एक महत्वपूर्ण मंच मिलेगा। जिससे वह दक्षिण एशिया में बुजुर्ग और जीवन-सीमा वाली बीमारियों से पीड़ित लोगों की देखभाल में सुधार के लिए नवीन समाधान विकसित कर सकेंगे।

जर्नल के प्रधान संपादक, डॉ. संदीप कुमार ने कहा कि "बुजुर्ग जनसंख्या, पुरानी बीमारियों, पैलिएटिव केयर पर ध्यान केंद्रित करने और अस्पताल में भर्ती होने की लागत को कम करते हुए मरीजों की संतुष्टि प्रदान करने की दिशा में अनुसंधान और शिक्षा की आवश्यकता है। दक्षिण एशियाई जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक मेडिसिन, सर्जरी, पैलिएटिव केयर और होस्पिस इस क्षेत्र में ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है।"

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