रामपुर: स्ट्रॉबेरी की खेती से मालामाल हो रहे जिले के किसान

स्ट्राबेरी की बुवाई का सही समय होता है अक्टूबर का महीना

रामपुर: स्ट्रॉबेरी की खेती से मालामाल हो रहे जिले के किसान

सुहेल जैदी रामपुर, अमृत विचार। स्ट्रॉबेरी की खेती रामपुर के ग्राम मदानगला, बांसनगली और स्वर्ग फार्म बिलासपुर में किसानों द्वारा की जा रही है। स्ट्रॉबेरी की खेती कर किसान मालामाल हो रहे हैं। दुनिया भर में स्ट्रॉबेरी की खूब मांग है। स्ट्रॉबेरी की बुवाई का सही समय अक्टूबर का महीना है। स्ट्रॉबेरी की खेती पालीहाउस के अलावा खुले खेत में भी की जा सकती है। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए रेतीली या भुरभुरी जमीन की जरूरत होती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान हो तो बहुत ही अच्छा होता है। 

स्ट्रॉबेरी की खेती ऐसी है कि इसकी सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। तहसील मिलक के ग्राम इमरतपुर निवासी डा. विशाल गंगवार बताते हैं कि उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलॉजी के फल विज्ञान में  दो साल अपना शोध कार्य स्ट्रॉबेरी फल पर किया है। स्ट्रॉबेरी की बुवाई के लिए सबसे सही समय सितंबर-अक्टूबर का महीना है। इस दौरान स्ट्रॉबेरी के बीज लगाकर उसकी नर्सरी तैयार कर सकते हैं। करीब महीने भर में पौध खेत में लगाने लायक हो जाएगी। अगर अच्छी पैदावार चाहते हैं तो बलुई-दोमट मिट्टी वाला खेत चुनें। यह भी ध्यान रखें कि मिट्टी का पीएच 5 से 6.5 के बीच हो। खेत में स्ट्रॉबेरी लगाने से पहले पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद डालें ताकि, पैदावार अच्छी हो। सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि, पानी भी बचे और साथ ही फर्टिलाइजर आदि देने में आसानी हो सके।

स्ट्रॉबेरी की खेती से ढाई से तीन लाख तक की हो सकती है कमाई 
स्ट्रॉबेरी की खेती खुले खेत में भी की जाती है, अगर पॉलीहाउस में खेती करेंगे तो अच्छी पैदावार मिल सकती है। स्ट्रॉबेरी की खेती से ढाई से तीन लाख रुपये एकड़ तक कमाई हो सकती है। प्रति हेक्टेयर करीब छह-सात लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है। जिले के ग्राम मदानगला, चमरौआ ब्लॉक के ग्राम नगला, बांसनगली और बिलासपुर के स्वर्ग फार्म में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। बांसनगली के किसान राम प्रसाद मौर्य बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती में जिम्मेदारी से उसकी देखरेख जरूरी है। फल आने पर अच्छा मुनाफा मिल जाता है। 
 
स्ट्रॉबेरी की किस्में 
व्यावसायिक रूप से खेती के लिए स्ट्रॉबेरी की ओफ्रा, चांडलर, ब्लेक मोर, स्वीट चार्ली, की किस्में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बेहतर हैं। स्ट्रॉबेरी पौध लगाने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग में 20 से 30 सेमी की दूरी पर छेद करें। पौध लगाने के तुरंत बाद ड्रिप और स्प्रिकंलर करें, फल आने पर टपक सिंचाई उपयुक्त रहती है। स्ट्राबेरी के फल को पकड़ कर नहीं तोड़ना चाहिए, पैकिंग प्लास्टिक की प्लेटों में करना चाहिए।

टाइप-2 मधुमेह में लाभप्रद है स्ट्रॉबेरी 
यह अनुशंसा की जाती है कि व्यक्ति प्रतिदिन 8 स्ट्रॉबेरी खाए तो टाइप-2 मधुमेह में लाभ मिल सकता है। स्ट्रॉबेरी हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार का कार्य करती है। स्ट्रॉबेरी खाने से व्यक्ति मे कैंसर का खतरा कम हो सकता है। 

जानिए क्या बोले विशेषज्ञ
आईएफटीएम विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के असिसटेंट प्राफेसर डा. विशाल गंगवार ने बताया कि किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करें यह मौसम बुवाई के लिए उचित है। स्ट्राबेरी की खेती के लिए रामपुर, बरेली, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा बेहतर जगह हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती कम लागत में होती है और इससे किसानों को अधिक मुनाफा मिल सकता है। पौधे से स्ट्रॉबेरी की कैंची से कटिंग करके प्लास्टिक के बॉक्स में रखें और मंडी भेज दें। स्ट्रॉबेरी की बाजार में काफी मांग रहती है।

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