Balrampur Hospital: बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, सफल ऑपरेशन कर महिला को दिया नया जीवन

Balrampur Hospital: बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, सफल ऑपरेशन कर महिला को दिया नया जीवन

लखनऊ, अमृत विचार। टीबी की बीमारी के कारण महिला के गर्दन की हड्डी गलकर खराब हो गई थी। साथ ही दोनों पैर और हाथ में पूरी तरह से लगवाग्रस्त हो गये थे। महिला को गर्दन हिलाने और चलने फिरने में दिक्कत हो रही थी। बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन कर कूल्हे की हड्डी को काटकर गर्दन में लगाया। अब महिला के हाथ पैर में ताकत आने के साथ ही मूवमेंट शुरू हो गया है। जल्द उसे अस्पताल से घर भेज दिया जाएगा।

सआदतगंज के कश्मीरी मोहल्ला निवासी आयशा फातिमा (38) को एक साल से टीबी थी। इससे उनके दोनों पैर व हाथ में फॉलिस मार गया था। गर्दन की हड्डी में टीबी का प्रभाव होने से दो हड्डी खराब हो गई थीं। बलरामपुर अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. विनोद तिवारी ने टीम के साथ 7 अक्तूबर को महिला का ऑपरेशन किया। अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण ने बताया कि पहली बार इस तरह का ऑपरेशन जिला स्तर के अस्पताल में हुआ है। ऑपरेशन निशुल्क किया गया। दूसरे संस्थान या निजी केंद्र पर कराने पर करीब 3 लाख रुपए का खर्च आता।

ऐसे किया ऑपरेशन

डॉ. विनोद ने बताया कि एमआरआई में पाया गया कि स्पाइनल (सर्वाइकल) कॉर्ड पर दबाव से ही समस्या हुई थी। कूल्हे की हड्डी को गर्दन पर लगाया गया। फिर उस टुकड़े को टाइटेनियम की प्लेट से जोड़ा गया, जिससे वह हड्डी बाहर न निकले। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. विनोद तिवारी के अलावा डॉ. एएस चंदेल, डॉ. सुमित, सिस्टर निर्मला मिश्रा, उर्मिला सिंह व सीमा शुक्ला, स्टाफ गिरीश, राजू, ऋषि का अहम योगदान रहा। मरीज आयशा बलरामपुर के 28 नंबर वार्ड में भर्ती हैं। अब दोनों हाथ, पैर में मजबूती आ गई है। दोनों पैर चलाने लगी है।

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