अयोध्या: नवरात्र के अंतिम दिन मंदिरों में उमड़ी भीड़, भक्तों का लगा तांता, कन्याओं का हुआ पूजन
अयोध्या, अमृत विचार। नवरात्र के अंतिम दिन देवी मंदिरों में माता के दर्शन को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह के समय बड़ी व छोटी देवकाली, जालपा देवी सहित माता के अन्य मंदिरों में हवन-पूजन किया गया।
सप्तमी और अष्टमी एक ही दिन 10 अक्टूबर को थी। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्र में जब सप्तमी-अष्टमी एक ही दिन हो तो दुर्गाष्टमी का व्रत उस दिन नहीं करना चाहिए। इसे निषेध माना गया है। इसलिए इस साल 11 अक्टूबर को ही अष्टमी और नवमी दोनों मनाई गई है। शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर माता दुर्गा के आखिरी स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना धार्मिक वातावरण में संपन्न हुई।
महाअष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हुए मां की विदाई की गई। विदाई की परंपरा में कन्याओं को घर बुलाकर उनके पैर धोये गए और कन्याओं के साथ एक लंगूर के रूप में बच्चे को भी बुलाया गया। पैर धोने के बाद कन्याओं को आसन पर बैठाकर उनके हाथों में कलावा बांधा गया। माथे पर कुमकुम सुशोभित किया गया और माता रानी के पसंद के पकवान कन्याओं के समक्ष परोसे गए। छोटी देवकाली मंदिर के पुजारी अजय द्विवेदी ने बताया कि बड़ी संख्या में महिलाओं ने विधि विधान से दर्शन के बाद व्रत अनुष्ठान को संपन्न किया। बड़ी संख्या में नौ कन्याओं का पूजन कर भोजन प्रसाद भी कराया गया।
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