Exclusive: कानपुर में समानांतर हाईवे का बदल सकता अलाइनमेंट; परिवहन मंत्रालय में किया जा रहा डीपीआर का परीक्षण
भूमि अधिग्रहण समिति से दोबारा लेनी पड़ सकती मंजूरी
कानपुर, विकास कुमार। कानपुर में रमईपुर से हमीरपुर होते हुए कबरई (महोबा) तक प्रस्तावित फोरलेन समानांतर हाईवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट का परीक्षण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में किया जा रहा है। यह ग्रीन फील्ड हाईवे नौबस्ता-हमीरपुर रोड के समानांतर बनाया जाना है। जानकारी के मुताबिक मंत्रालय ने इस हाईवे का नए सिरे से अलाइनमेंट निर्धारण करने के लिए कहा है। अलाइनमेंट में बदलाव होने पर प्रोजेक्ट को भूमि अधिग्रहण समिति के पास दोबारा अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
नौबस्ता से हमीरपुर होते हुए कबरई जाने वाले मार्ग की स्थिति बहुत खराब है। इस मार्ग पर आए दिन हादसे होते हैं। जाम तो दिन और रात दोनों समय लगता है। कई बार जाम खत्म कराने में आठ से दस घंटे तक लग जाते है। इस दौरान एंबुलेंस के साथ बड़ी संख्या में यात्री भी फंसे रहते हैं। जाम लगने की वजह दो लेन के हाईवे पर रोज 40 हजार से अधिक डंपरों का आवागमन होना है।
कबरई से गिट्टी, मौरंग लदे ट्रक कानपुर, लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, लखीमपुर आदि जिलों को इसी रास्ते से जाते हैं। सांसद देवेंद्र सिंह भोले के प्रस्ताव पर समानांतर हाईवे का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। योजना के तहत रमईपुर में रिंग रोड से फोरलेन हाईवे शुरू होगा और कबरई होते हुए छतरपुर हाईवे में मिलेगा। भूमि अधिग्रहण समिति प्राथमिक रूप से प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुकी है लेकिन मंत्रालय की ओर से प्रोजेक्ट परीक्षण और अलाइनमेंट निर्धारण हो रहा है।
ऐसे में भूमि अधिग्रहण के लिए पुन: समिति से मंजूरी लेने की प्रक्रिया राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कानपुर इकाई द्वारा की जाएगी। फिलहाल प्राधिकरण के अधिकारी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि मंत्रालय नया अलाइनमेंट कहां से निर्धारित करता है। इस हाईवे के लिए कानपुर नगर, हमीरपुर, फतेहपुर जिले में भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। वर्तमान में जो अलाइनमेंट है, उसके अनुसार जहां से यह मार्ग गुजरना है, वहां भू उपयोग परिवर्तन, भवन निर्माण, पौधरोपण आदि पर रोक लगी हुई है।
कानपुर से हमीरपुर मार्ग के दाहिनी तरफ होना है निर्माण
समानांतर फोरलेन हाईवे कानपुर से हमीरपुर मार्ग के दाहिनी तरफ प्रस्तावित है। रमईपुर से साढ़ जाते समय 1.7 किलोमीटर लंबी सड़क बनाकर नए हाईवे को वर्तमान हाईवे से जोड़ दिया जाएगा। फिलहाल 37 सौ करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट की लागत प्रस्तावित है। इसमें 2000 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होना है। करीब 700 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। समानांतर फोरलेन की लंबाई 120 किलोमीटर होगी।
अलाइनमेंट का निर्धारण नए सिरे से किया जाएगा। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से ही प्रक्रिया की जा रही है। - अमन रोहिल्ला, परियोजना निदेशक, एनएचएआई