हर दिन बढ़ रहा डेंगू और मलेरिया का कहर, कई हस्तियों की जान ले चुके हैं ये मच्छर

हर दिन बढ़ रहा डेंगू और मलेरिया का कहर, कई हस्तियों की जान ले चुके हैं ये मच्छर

लखनऊ, अमृत विचारः मच्छर के काटने से स्किन पर सिर्फ खुजली भर नहीं होता है बल्कि कई बार यह गंभीर बीमार का रूप भी ले सकता है। यहां तक की किसी की मौत का कारण भी बन सकता है। मच्छरों के काटने से बीमार होने वालों में दुनिया की महान शख्सियत भी शामिल है। ऐसा भी माना जाता है कि सिकंदर महान की मौत भी मच्छर के काटने से हुई थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी तीन बार मलेरिया हुआ था।

जिले में डेंगू का प्रकोप कम नहीं हो रहा। शनिवार को भी डेंगू के 55 और मलेरिया के 7 नए मरीज मिले हैं। सभी का अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अब तक जनपद में डेंगू के कुल 716 एवं मलेरिया के 421 रोगी पाये हैं।

सीएमओ प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया नए मिले मरीजों में इंदिरानगर सीएचसी क्षेत्र के -9, सिल्वर जुबली-9, चन्दरनगर-8, अलीगंज-7, एनके रोड-3, टूडियागंज-5, बीकेटी-3, इटौजा-2, रेडक्रास-3, चिनहट-1, सरोजनीनगर-1 और ऐशबाग सीएचसी क्षेत्र के 4 मरीज हैं। इसके अतिरिक्त मलेरिया के भी 7 रोगी मिले हैं। यह नए रोगी सिल्वर जुबली 2 और इंदिरानगर, अलीगंज, चिनहट, मोहनलालगंज और एनके रोड सीएचसी क्षेत्र का एक-एक मरीज है।

14 भवन मालिकों को नोटिस
टीम ने शनिवार को लगभग 1800 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों की जांच की। इनमें से 14 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों ने विभिन्न स्थलों व भवनों का निरीक्षण कर लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव कराया। टीम ने लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाव को लेकर जागरूक भी किया।

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सिकंदर महान की मौत मच्छर के काटने से हुई थी
अब तक आधी आबादी को मच्छर निपटा चुके हैं। डायनासोरस तक खत्म हो चुके हैं, लेकिन मच्छर अभी तक बचे हुए हैं और दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। इतिहासकार टिमोथी सी. वाइनगार्ड की किताब The Mosquito: A Human History of Our Deadliest Predator बताती है कि बीते 2 लाख सालों में 10,00,0800 करोड़ लोग दुनिया में रहे और तकरीबन 5000 करोड लोगों की जान मच्छरों ने ली है। यहां तक फिल्ममेकर यश चोपड़ा का निधन भी मच्छर के काटने से हुआ था।

ऐसे बढ़ते-घटते रहे डेंगू-मलेरिया के मामले

तारीख   डेंगू         मलेरिया
5 अक्टूबर    55   7
4 अक्टूबर 60   5
3 अक्टूबर 15 0
2 अक्टूबर  49   0
1 अक्टूबर    62        0
30 सितंबर 08 0
29 सितंबर 31 0
  28 सितंबर 39   3
27 सितंबर  27 4
26 सितंबर 28 8
25 सितंबर    26     7
 24 सितंबर    25   6

कान में क्यों गुनगुनाते हैं मच्छर
रात में आप जब बेड पर लेटे होते हैं तो मच्छर कानों के पास आकर गुनगुनाने लगते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे हमले से पहले का जंग की संखनाद कर रहे हो। दरअसल, यह आवाज उनके नन्हे पंखों के फड़फड़ाने से पैदा होती है। एक्सपर्ट्स की माने तो एक मच्छर प्रति सेकंड 250 बार अपने पंख फड़फड़ा सकते हैं। कान में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से आकर्षित होकर मच्छर वे वहां गुनगुनाते हैं।

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स्वाइनफ्लू के भी अब तक 111 मरीज मिले

जिले में स्वाइनफ्लू के भी इस वर्ष अब तक 111 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे अधिक मामले सितंबर महीने में सामने आए हैं। यह स्थिति तब है जब किसी भी सरकारी अस्पताल की ओपीडी में इसकी जांच नहीं की जा रही। इससे सही आंकड़े नहीं मिल पा रहे।

सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में स्वाइनफ्लू की जांचे ठप है। लक्षण के आधार पर मरीजों को जांच कराने की सलाह दी जा रही है। कई अस्पतालों में ऐसे मरीजों का इलाज वायरल इंफेक्शन मानकर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में जनवरी से अब तक 111 मरीज मिलने की पुष्टि की गई है।

कंट्रोलरूम नंबर
डेंगू एवं मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए “क्या करें, क्या न करें”, इस बारी में किसी भी तरह की जानकारी और मदद के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कंट्रोल रूम नम्बर 0522-2622080 संपर्क कर सकते हैं।

43 हॉट स्पॉट एरिया, 23 रैपिड रेस्पांस टीम एक्टिव
बात करें लखनऊ की तो कुछ एरिया को मच्छरों का गढ़ माना जाता है। अलीगंज, आलमबाग, डालीगंज, गोमती नगर, इंदिरा नगर, जानकीपुरम, चौक, बालागंज, तेलीबाग, सरोजनी नगर, राजाजीपुरम और चिनहट समेत 43 इलाकों को हॉट स्पॉट बनाया गया है। इन इलाकों में डेंगू के नए मरीजों की सूचना मिल रही है। इन एरिया में सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग के लिए 23 रैपिड रेस्पांस टीमें बनाई गई हैं। इसमें नगर निगम, पंचायती राज और सीएमओ कार्यालय के अधिकारी शामिल हैं। 

ना बरते लापरवाही
मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसमें भी डेंगू और मलेरिया अधिक खतरनाक माने जाते हैं। इन दोनों बीमारियों में लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी चाहिए। यह जानलेवा तक साबित हो सकती है।

मलेरिया के लक्षण
बुखार आना सर दर्द होना उल्टी होना ठंड लगना चक्कर आना थकान होना पेट दर्द होना तेज से सांस लेना

डेंगू कैसे फैलता है
डेंगू आमतौर पर मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है। डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5 से 7 दिन तक रहती है।

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लक्षण
-ठंड लगने के कारण अचानक तेज बुखार चढ़ना
-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले भाग में दर्द होना 
-अत्यधिक कमजोरी लगना 
-भूख न लगना 
-गले में दर्द होना 
-शरीर में लाल चकत्ते आना

सावधानियां
-मच्छर को घर के अंदर या बाहर पान अपने से रोके। इसके लिए अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें।
-घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवाएं।
-घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव करवाते रहे।
-बारिश में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े ही पहने। 
-घर में मच्छर से बचने के लिए नींद की पत्तियों का धुआं करें
-मच्छरदानी लगाकर सोए

कहां से आए बीमारियों के नाम
मलेरिया यह इटालियन भाषा से लिया गया शब्द है। इसका मतलब होता है गंदी हवा। डेंगू, यह शब्द स्पेनिश भाषा 'डिंग' से आया है। इसका मतलब होता है दुष्ट आत्मा की वजह से होने वाली बीमारी। चिकनगुनिया यह शब्द अफ्रीका से आया है। इसका मतलब होता है वह जो झुका दे।

कैसे हुई खोज
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रिटिश डॉक्टर रोनाल्ड रॉस नेमदा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी। इसके काटने से मलेरिया होता है। इसमें प्लाज्मोडियम परजीवी पाया जाता है, जो ब्लड से होकर शरीर में फैल जाता है। खासकर लीवर में पहुंचकर वह स्थाई हो जाता है। इसके बाद वह लाल रक्त कोशिकाओं को इनफैक्ट करना शुरू कर देता है इस प्रयास के लिए उन्हें फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

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