अयोध्या: जुलाई 2025 तक मंदिर का 90 प्रतिशत कार्य हो जाएगा पूरा
मंदिर निर्माण समिति की बैठक में वर्करों सुविधा व सुरक्षा समेत कई बिंदुओं पर हुआ मंथन
अयोध्या, अमृत विचार। निर्माण कार्य को लेकर जो एक सारणी बनाई गई थी। उसमें दो से तीन माह का विलंब हो रहा है। अनुमान है कि कोई और विपरीत परिस्थिति नहीं होती है तो जुलाई 2025 तक निर्माण पूरा होकर के 90 प्रतिशत एजेंसियां यहां से निकल जाएंगी। ये बात शुक्रवार को मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कही। वह समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि समिति की बैठक में मंदिर के शिखर निर्माण में उतारे गए वर्करों सुविधा और सुरक्षा के साथ निर्माण को निरंतर चालू रखने और राम जन्मभूमि परिसर के रख रखाव को लेकर मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि शिखर निर्माण का कार्य सबसे बड़ा चैलेंज है। इसके लिए निर्णय लिया गया है कि निर्माण की सभी प्रमुख एजेंसियां जैसे कि एलएन्डटी, टीसीई, सीबीआरआई रुड़की और अन्य सभी लोगों को मिला करके करना होगा।
उन्होंने कहा कि निर्माण की हर लेयर पर जांच आवश्यक होगी। राम मंदिर परिसर में चल रहे जो छोटे कार्यों के निर्माण कार्य हैं जैसे की इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन फायर सर्विस, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, उन्हें अब किस्तों में ट्रस्ट को स्थानांतरित किया जाएगा। जिससे उसकी ऑपरेशन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ट्रस्ट की हो जाएगी। यह दो प्रमुख विषय है जिस पर विचार किया जा रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि परिसर की व्यवस्था रखरखाव और यात्री सुविधाओं पर ही पूरे दिन मंथन चला है। बैठक के दौरान निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहयोगी गोपाल जी राव, आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा, एलएन्डटी टाटा कंसल्टेंसी के अधिकारी भी मौजूद रहे।
अब राम मंदिर के वार्षिकोत्सव मनाने के स्वरूप पर राय जुटा रहा ट्रस्ट
राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा करने के साथ 22 जनवरी को वार्षिक उत्सव के रूप में मनाए जाने को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब मंथन शुरू कर दिया है। ट्रस्ट के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला वार्षिक उत्सव का स्वरूप क्या होगा इस पर संत-महंत और अयोध्या के प्रबुद्ध लोगों से राय ली जा रही है।
जनवरी माह में राम मंदिर के शिखर का निर्माण और प्रथम तल पर चल रहे फिनिशिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। माना जा रहा है ऐसे में 22 जनवरी आसपास की तिथि को लेते हुए इसकी स्थापना भी की जा सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस विषय को लेकर मंथन कर रहा है कि वार्षिक उत्सव में कितने दिनों के आयोजन किया जा सकते हैं। जिसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अगली होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया 22 जनवरी का आयोजन का क्या स्वरूप इस पर लोग अपनी राय दे सकते हैं। बताया है कि एक सप्ताह के भी आयोजन का निर्धारण किया जा सकता है।
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