मुरादाबाद : गर्भवती की जांचें सरकारी में, प्रसव निजी अस्पतालों में...डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने एकत्र कराया डाटा
मुरादाबाद, अमृत विचार। गर्भ में पल रहे शिशु और गर्भवती के स्वास्थ्य की जांचें सरकारी अस्पतालों में हो रही हैं और फिर उनके प्रसव निजी अस्पतालों में कराए जा रहे हैं। यही नहीं, चिह्नित हुईं हाईरिस्क प्रेगनेंसी वाली गर्भवती महिलाओं के भी प्रसव निजी अस्पतालों में कराए गए हैं। जी हां, ये खुलासा डीएम अनुज सिंह के हस्तक्षेप पर हुआ है। दरअसल, पिछले दिनों 28 सितंबर को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई थी। इसमें सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या पर डीएम ने गंभीरता दिखाई।
- 811 गर्भवती के प्रसव पंजीकृत निजी अस्पतालों में हुए
- 282 प्रसव झोलाछाप ने कराए
- 800 प्रसव सरकारी अस्पताल में हुए
उन्होंने सरकारी अस्पतालों में जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं और प्रसव की संख्या में काफी अंतर पाया। जिस पर उनके कहने के बाद सीएमओ ने सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षकों से अगस्त महीने में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के दिनों में गर्भवती की जांच के दौरान उसी महीने प्रसव के लिए चिह्नित महिलाओं और इनमें कितनी महिलाओं के प्रसव सरकारी अस्पताल में हुए हैं, विवरण एकत्र किया है। इसी में खुलासा हुआ है कि जांच के दौरान उसी महीने प्रसव के लिए चिह्नित महिलाओं में से आधे से अधिक गर्भवती के प्रसव निजी अस्पतालों में हुए हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों की कार्यशैली और स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलने वाली सुविधाओं पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इन सवालों से गर्भवती एवं प्रसूता महिलाओं के लिए योजनाओं का संचालन भी कटघरे में आ गया है। चूंकि ये गर्भवती आशाओं के संपर्क में रहती हैं इसलिए इस बिंदु पर भी संदेह करना गलत नहीं होगा कि आशा उन्हें सरकारी अस्पताल में प्रसव के लिए प्रेरित न कर निजी अस्पतालों में प्रसव के लिए ले जा रही हैं।
हाईरिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं के भी प्रसव निजी अस्पतालों में
रिपोर्ट में पता चला है कि अगस्त में जांच के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने 203 गर्भवती के प्रसव हाईरिस्क में होना चिह्नित किया था। इन सभी के प्रसव उसी महीने अगस्त में होने थे। पड़ताल में पाया गया कि हाईरिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) में चिह्नित महिलाओं में से कुल 135 गर्भवती के प्रसव झोलाछाप के यहां या फिर अन्य स्थलों पर हुए हैं। एचआरपी वाली महिलाएं ठाकुरद्वारा में सबसे अधिक 45 चिह्नित थीं। इनमें 26 महिलाओं के ही प्रसव सीएचसी पर हुए हैं। इसी तरह भोजपुर में 21 चिह्नित हुई थी, लेकिन सीएचसी पर 3 प्रसव ही हुए हैं। कांठ में 25 गर्भवती चिह्नित थीं, सीएचसी पर प्रसव 3 महिलाओं के हुए। कुंदरकी में एचआरपी की 12 महिलाओं में से 3 गर्भवती के प्रसव हुए हैं। डिलारी सीएचसी पर एचआरपी की 27 में से 8, मूंढापांडे में 19 में से 10, ताजपुर में 25 में से 4 हाईरिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं के प्रसव सीएचसी पर हुए हैं। बिलारी में हाईरिस्क प्रेगनेंसी वाली 29 गर्भवती में से 11 के प्रसव सीएचसी पर हुए हैं।
डीएचएस की बैठक में डीएम ने निर्देश दिए थे। इसी क्रम में सरकारी व निजी अस्पतालों में हुए प्रसव का विवरण एकत्र किया गया है। प्रसूताओं का यह वह आंकड़ा है, जो प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिनों में गर्भवती का स्वास्थ्य जांच के दौरान अगस्त महीने में ही प्रसव के लिए चिह्नित किया गया था। रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है।- डॉ. कुलदीप सिंह, सीएमओ
ये भी पढे़ं : मुरादाबाद : हाईकोर्ट ने रामपुर के दो DM को निलंबित करने के दिए थे आदेश, प्रदेश सरकार की हुई थी किरकिरी