शारदीय नवरात्र 2024: घर-घर में विराजमान हुईं नौ देवियां, कलश स्थापना के साथ पूजा शुरू
प्रयागराज, अमृत विचार: शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार से हो गई। घरों और मंदिरों मे इसकी तैयारियों देर रात तक की गई। घरों के साथ मंदिरों में मां भगवती को विधि विधान से विराजमान किया गया। घरों मे कलश स्थापना के साथ पूजा शुरू की गई। नवरात्र के पहले देवी के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का दर्शन-पूजन किया जा रहा है। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए कतारबद्ध होकर मां अलोपशंकरी देवी मंदिर व कल्याणी देवी मंदिरों में पहुंचे।
नवरात्र के पहले दिन ही शुभ मुहूर्त में लोग संगम स्नान कर मंदिरों में कलश स्थापना शुरू किया। पंडित दिवाकर मिश्रा बताते है कि शारदीय नवरात्र को संसारिक इच्छाओं और परिवार मे आ रहे कष्टों से मुक्ति के लिए यह पूजन और व्रत किया जाता है। जबकि चैत्र नवरात्र को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि मोक्ष के लिए पूजन व वृत करते है। गुरुवार को सूर्योदय के बाद 9.48 बजे तक या अभिजित मुहूर्त में 11.22 बजे के बाद 12.09 बजे तक घट स्थापना किया जाएगा।
मंदिरों मे कड़े सुरक्षा के इंतजाम
नवरात्र में देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। यही कारण है पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सीसी टीवी कैमरों के जरिए मंदिरों की निगरानी की जाएगी। वहीं दुर्गापूजा पंडालों के आसपास भी सुरक्षा के लिए फोर्स लगाए गये है।