सांस रुक रही है, बचा लीजिए... डॉक्टर थे पर इलाज नहीं, heart attack से अस्पताल में शिक्षामित्र की मौत
बाराबंकी, अमृत विचार। दुखद संयोग पर सच है, कुछ ही दिन पूर्व विश्व हृदय दिवस पर अमृत विचार ने जिला अस्पताल में ह्रदय रोग विशेषज्ञ न होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी और बुधवार को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हुईं एक घटना ने इस अभाव को साबित कर दिया।
हृदय में तेज दर्द उठने के बाद अस्पताल लाये गए एक शिक्षामित्र ने परिजन के सामने ही दम तोड़ दिया। न मौजूद डाक्टर के हाथ में कुछ था और न ही जरुरी उपकरण ही। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड में अन्य डॉक्टर होने के बाद भी युवक को इलाज नहीं मिल सका। रोते बिलखते परिजन मृत देह लेकर चले गए।
जानकारी के अनुसार देवा क्षेत्र के चंदौली गांव निवासी युवक रणविजय सिंह जो शिक्षा मित्र थे, उनके सीने में बुधवार सुबह करीब 11 बजे तेज दर्द उठा। परिजन उसे लेकर आस लिए जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां एक स्ट्रेचर मिला जिसके पहिए चल ही नहीं रहे थे। मजबूरी में परिजनों ने उसे अपने हाथों से उठाया और अंदर लेकर पहुंचे लेकिन यहां हृदय का डॉक्टर न होने से इलाज की नौबत ही नहीं आई, परिजन व्याकुल और चिंता के चलते घुले जा रहे थे तो मौजूद डॉक्टर और स्टाफ बेबसी का भाव लिए खड़ा रह गया।
चश्मदीदों के मुताबिक युवक चिल्ला रहा था कि सीने में तेज दर्द हो रहा है। सांस रुक रही है। बचा लीजिए। जिला अस्पताल में ट्रेनी के रूप में काम करने वाले डाक्टर ने उसे ऑक्सीजन देकर सीने पर धक्का मारना शुरू किया। युवक चिल्लाता रहा और कुछ देर बाद उसकी सांसें टूट गईं। समय से उपचार न मिलने पर कुछ ही देर में युवक ने जीवन को अलविदा कह दिया। ऑक्सीजन देने का भी कोई फायदा नहीं मिला। परिजन मौके पर ही विलाप करने लगे। जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ की किस कदर जरुरत है, इसका प्रमाण आज की घटना दे गई।
बाराबंकी:
— Amrit Vichar (@AmritVichar) October 2, 2024
सांस रुक रही है, बचा लीजिए...
डॉक्टर थे पर इलाज नहीं
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