10 सरकारी विभाग बताएंगे नदियों के प्रकोप से कैसे होगा बचाव

10 सरकारी विभाग बताएंगे नदियों के प्रकोप से कैसे होगा बचाव

हल्द्वानी, अमृत विचार। जनपद नैनीताल में नदियों से होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए पहली बार 10 सरकारी विभागों की एक समिति गठित की गई है। यह समिति वैज्ञानिक ढंग से सर्वे करेगी और नुकसान से बचाव के लिए दीर्घकालिक उपायों की रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षात्मक काम किए जाएंगे।

जिले में अतिवृष्टि से गौला, नंधौर, सूखी नदियों के उफान पर आने से सटे हुए गांवों में भूकटाव से सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है, वहीं जान का भी खतरा बना रहता है। हर बार अतिवृष्टि पर शोर शराबा मचता है और बाद में फौरी राहत काम कर मामला ठंडा हो जाता है। इन नदियों से होने वाले नुकसान के बचाव के लिए दीर्घकालिक ठोस उपाय नहीं होने से हर साल हाहाकार मचता है।

इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने वन विभाग, लोनिवि, सिंचाई, खनन, भूविज्ञान, प्रशासन, राजस्व, रेलवे, वन विकास निगम की समिति गठित की है। यह समिति नदियों का ड्रोन-सैटेलाइट सर्वे, वीडियोग्राफी के जरिए वैज्ञानिक ढंग से सर्वे करेगी। इसके अलावा संपत्ति के नुकसान, पुर्नस्थापना, बचाव आदि की दीर्घकालिक उपायों की रिपोर्ट बनाकर 15 अक्टूबर तक जिला प्रशासन को सौंपेगी। फिर इस रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिए जाएंगे।

समिति में ये होंगे शामिल 
समिति में एडीएम वित्त एवं राजस्व को अध्यक्ष, एसडीएम हल्द्वानी को संयोजक, सिंचाई ईई, लोनिवि ईई, तराई पूर्वी, हल्द्वानी व नैनीताल वन डिवीजन से एक-एक नामित अधिकारी, रेलवे अधिकारी, वन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक, जिला खान अधिकारी, भूवैज्ञानिक, परियोजना निदेशक एनएचएआई को शामिल किया गया है।

समिति के ये होंगे काम
1.संवेदनशील क्षेत्रों का ड्रोन/सैटेलाइट/भूगर्भीय सर्वे।
2.प्रभावित राजकीय एवं निजी संपत्तियों का सर्वे।
3.वर्ष 2024 से पूर्व इन नदियों में जलप्रवाह से प्रभावित संपत्तियों का उल्लेख, वर्तमान में उनके सुरक्षित-असुरक्षित की आख्या।
4.प्रभावित परिसंपत्तियों के कारण अध्ययन व निराकरण के उपाय।
5.नदी में चैनलाइजेशन की आवश्यक व क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर एसओपी बनाना।
6.चरणबद्ध ढंग से सुरक्षात्मक कार्यों की योजना।
7.प्रत्येक चरण में ध्यान रहे कि सुरक्षात्मक काम से अन्य संपत्तियां प्रभावित नहीं हो।
8.स्थानीय ग्रामीणों के अनुभव और उनके सुझाव भी लिए  जाएंगे इत्यादि।