बरेली:सरनिया में आर्बिटेशन पर फिर टली सुनवाई, अब नई तारीख 11 अक्टूबर
अधिक मूल्यांकन को लेकर एनएचएआई ने दायर किया है आर्बिटेशन
बरेली,अमृत विचार। रिंग रोड के लिए सरनिया में अधिग्रहीत की गई भूमि पर बने स्ट्रक्चर के अधिक मूल्यांकन को लेकर डीएम कोर्ट में दायर किए गए आर्बिटेशन पर मंगलवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। अब नई तारीख 11 अक्टूबर निर्धारित की गई है।
रिंग रोड बनाने के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में सरनिया में गाटा संख्या 156 पर ज्यादा गड़बड़ियां पाई गईं थीं। एनएचएआई दिल्ली की टीम की जांच में घपलेबाजी का खुलासा हुआ था। इसके बाद डीएम रविंद्र कुमार के आदेश पर सीडीओ जग प्रवेश की अध्यक्षता में हुई जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई थी कि मूल्यांकन में गड़बड़ी करते हुए ज्यादा मुआवजा तय किया। इसके लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है। मामले में एई स्नेहलता श्रीवास्तव निलंबित की जा चुकी हैं। अधिक मूल्यांकन को एनएचएआई ने डीएम कोर्ट में आर्बिटेशन दायर कर रखा है।इसको लेकर मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन एक बार फिर किन्हीं कारणों से सुनवाई टल गई है। अब 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी। गाटा संख्या 156 पर बने स्ट्रक्चर का मूल्यांकन तीसरी बार करके सोमवार को रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है।
तो इसलिए अधिकारी हैं असमंजस में
स्ट्रक्चर का मूल्यांकन सबसे पहले पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन अधिशासी अभियंता नारायण सिंह और एई स्नेहलता श्रीवास्तव ने किया था। दूसरी बार पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता राजीव कुमार अग्रवाल ने और तीसरी बार लोक निर्माण विभाग के एनएच खंड के अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव और पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने मूल्यांकन किया। सूत्रों के अनुसार सभी की मूल्यांकन रिपोर्ट में मुआवजे का अंतर अलग-अलग दर्शाया गया है, इससे कहीं न कहीं अधिकारी भी असमंजस में हैं।