UP News: 95 प्रतिशत राज्यकर्मियों ने दिया अपनी संपत्ति का विवरण, 5 फीसदी की रुक सकती है सैलरी
लखनऊ, अमृत विचार। राज्य कर्मचारियों के लिए सोमवार का दिन अपनी संपत्ति का ब्योरा देने का आखिरी दिन रहा। कार्मिक विभाग और बाद में मुख्य सचिव कार्यालय से मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी की समीक्षा कर आगे कदम उठाया जाएगा। इससे पूर्व समय से विवरण अपलोड न करने वाले निकाय, बिजली और अन्य कई विभागों के कर्मचारियों का वेतन रोक कर चेतावनी जारी की गई थी कि 30 सितंबर तक सभी कर्मी अपनी संपत्ति का ब्यौरा अवश्य दें दें। हालांकि सोमवार शाम तक 95 फीसदी राज्य कर्मियों ने अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर अपडेट कर दिया।
इसमें पुलिस, लोक निर्माण और कृषि विभाग के कर्मचारी आगे रहे। इन विभागों के 99 फीसदी कर्मचारियों ने इस बाबत जानकारी ऑनलाइन कर दी। शासन के सूत्रों का कहना है कि है कि सोमवार की देर रात तक यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। मंगलवार तक सही आंकड़े मिल सकेंगे। दरअसल, उप्र. में कुल 827583 राज्य कर्मी हैं। इनमें से 788506 कर्मियों ने सोमवार की शाम छह बजे तक मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया है। ऐसे में 39077 कर्मचारी अभी भी रह गए हैं। हालांकि, आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अफसरों को मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा देने से छूट मिली है। इन अधिकारियों के लिए केंद्र सरकार के एक अन्य पोर्टल स्पैरो पर अपनी संपत्ति का खुलासा करने की गाइडलाइन है।
विभागवार कर्मियों की संख्या
विभागवार बात की जाए तो पुलिस विभाग के कुल 316633 कर्मियों में से 315337 (99 प्रतिशत), पीडब्ल्यूडी के 32211 में से 31821 (98 प्रतिशत), राजस्व के 62134 में से 51641 (83 प्रतिशत), चिकित्सा शिक्षा के 76247 में से 64443 (84 प्रतिशत), जल शक्ति के 45045 में से 42430 (94 प्रतिशत), कृषि के 13446 में से 13410 (99 प्रतिशत), आयुष के 11408 में से 10940 (95 प्रतिशत), पंचायतीराज से 109007 में से 106907(98 प्रतिशत), माध्यमिक शिक्षा के 21336 में से 19954 (93 प्रतिशत) पशुधन के 9485 में से 9301 (98 प्रतिशत) कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।
पीपीएस अफसरों ने भी नहीं बताई संपत्ति
प्रांतीय पुलिस सेवा के 38 प्रतिशत अधिकारियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा शासन को नहीं दिया है। इन अधिकारियों के लिए ''स्पैरो'' पर संपत्ति का ब्योरा देने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित होना है। इसलिए उन्हें ऑफलाइन ही 7 सितंबर तक ब्योरा देने के निर्देश दिए गए थे। शासन के सूत्रों के मुताबिक, राज्य के कुल 1021 पीपीएस अधिकारियों में से 648 ने ही अभी तक संपत्ति की घोषणा की है।
पहले बढ़ चुकी है अंतिम तारीख
पहले मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और बाद में इससे पूर्व अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा था कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के आधार पर सभी कर्मियों को चल अचल संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य है। यह भी निर्देश है कि 30 सितंबर तक संपत्तियों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन न करने वालों का वेतन रोका जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा और निदेशालय को यह भी बताया जाएगा कि कितने कर्मियों का वेतन रोका गया है। यह समयावधि पूर्व की अंतिम तारीख 30 अगस्त से आगे बढ़ाई गई थी।
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