अब ट्रैक पर मिला रेलवे का फायर सेफ्टी सिलेंडर
झांसी रूट पर भीमसेन से गोविंदपुरी के बीच होल्डिंग लाइन पर पड़ा मिला, पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी
कानपुर, अमृत विचार। साबरमती, कालिंदी और प्रेमपुर स्टेशन की घटना में जांच अभी चल ही रही है कि रविवार तड़के झांसी रूट पर भीमसेन से गोविंदपुरी के बीच होल्डिंग लाइन पर रेलवे का सेफ्टी सिलेंडर पड़ा मिला। लाइन पर कुछ पड़ा देख मुंबई से लखनऊ जा रही पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट एके भसीन ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी। नीचे उतरकर सेफ्टी सिलेंडर उठाकर कंट्रोल रूम को सूचना दी। खबर पाकर जीआरपी और आरपीएफ मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि सिलेंडर पर कैरिज एंड वैगन विभाग गोरखपुर लिखा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सिलेंडर गिरा या गिराया गया, इसकी जांच की जा रही है।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से लखनऊ जंक्शन जा रही पुष्पक एक्सप्रेस 12534 रविवार तड़के 4.03 बजे भीमसेन से गोविंदपुरी की ओर जा रही थी। ट्रेन होल्डिंग लाइन से होकर सेंट्रल की ओर बढ़ रही थी। होल्डिंग लाइन पर चलने के कारण ट्रेन की स्पीड काफी कम थी। भीमसेन से करीब पांच किमी आगे लोको पायलट एके भसीन को होल्डिंग लाइन पर सिलेंडर पड़ा दिखा। इस पर उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी। नीचे उतरकर देखा तो सिलेंडर पर रेलवे की पर्ची लगी थी। इस पर कंट्रोल को सूचना दी और 4.19 बजे सिलेंडर लेकर सेंट्रल रवाना हुए।
सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर सिलेंडर आरपीएफ के सुपुर्द किया। यहां जांच में पता चला कि गोरखपुर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने यह फायर सेफ्टी सिलेंडर जारी किया था। यह सिलेंडर कुशीनगर एक्सप्रेस का है। ट्रैक पर सिलेंडर मिलने से कुछ समय पहले ही गोरखपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनस जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस वहां से गुजरी थी। डिप्टी सीटीएम आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे के कैरिज एंड वैगन विभाग को मामले की जांच सौंपी गई है।
क्या होती है होल्डिंग लाइन
जब कोई ट्रेन आउटर पर पहुंचती है तो उसे सिग्नल का इंतजार करना पड़ता है। अगर सिग्नल मिला तो ट्रेन आगे बढ़ जाती है। सिग्नल नहीं है तो ट्रेन को आउटर व प्लेटफार्म के बीच स्थित होल्डिंग लाइन में होल्ड करा दिया जाता है। इसी बीच अन्य ट्रेनें गुजारने के बाद उस ट्रेन को प्लेटफार्म पर लिया जाता है। जहां ट्रेन को होल्ड किया जाता है वह होल्डिंग लाइन कहलाती है