गन्ने की पत्ती तोड़ने गये किसान पर बाघ का हमला : प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर
लखीमपुर खीरी, अमृत विचारः दक्षिण खीरी वन प्रभाग की महेशपुर रेज क्षेत्र के गावों में आदमखोर बाघ का आतंक कायम है। एक माह के अन्तराल में बाघ दो लोगों को अपना निवाला बना चुका है। शनिवार को गांव पन्नापुर में विपिन कुमार पर हमला करने के बाद रविवार को भदैंया में गन्ने की पत्ती काटने गये युवक पर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया है। घरवाले घायल युवक को गोला सीएचसी लेकर गए, जंहा से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर किया गया है। गुस्साए ग्रामीणों ने महेशपुर वन रेंज कोठी का घेराव कर अधिकारियों से नाराजगी जताई है।
बिलहरी बीट के गांव इमलिया और मूड़ा अस्सी सहित दर्जनों गांव के लोग बाघ की दहशत में जी रहे हैं। वन विभाग की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, फिर भी अब तक बाघ ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सका है। रविवार सुबह हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव भदैया निवासी तेजपाल (42) पुत्र रोहनलाल अपने 10 साथियों के साथ जानवरों के खाने के लिए गन्ने की पत्ती तोड़ने के लिए खेत पर गया था, जहां गन्ने के खेत में छिपे बैठे बाघ ने तेजपाल पर पीछे से हमला कर दिया। हमले के बाद तेजपाल चिल्लाने लगा, तो साथ गये 10 साथियों ने शोर मचाया और डंडे से बाघ पर वार किया तब बाघ तेजपाल को छोड़कर गन्ने के खेत में घुस गया। बाघ ने तेजपाल के सिर, पीठ, हाथ, गले को बुरी तरह से जख्मी कर दिया था।
उसके साथियों ने घायल तेजपाल को गांव उसके घर ले गये। परिवार वालां ने एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया। घायल अवस्था में एम्बुलेंस से लाद कर गोला सीएचसी लेकर गए, जहां तेजपाल का प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बाघ के हमला होने की खबर आसपास के गावों में आग की तरह फैल गई। इस दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। सूचना पर पहुचे वन दरोगा रोहित श्रीवास्तव, तेजपाल, डिप्टी रेंजर सुरेन्द्र पाल, फारेस्ट गार्ड राजकुमार ने घटना स्थल पर पहुंचकर तेंदुआ होने की पुष्टि की है। वनकर्मियों ने ग्रामीणों से सर्तक रहने, खेतों में समूह बना कर शोर मचाते हुआ जाने को कहा।
रेंजर नरेश पाल सिंह ने पीड़ित के परिवार वालो से मिलकर इलाज के लिए पांच हज़ार रुपये की सहायता राशि दी, और आश्वासन दिया कि जो भी इलाज मे खर्च होगा वह विभाग देगा। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि आखिर यह आदमखोर बाघ कब तक लोगों को अपना निवाला बनाएगा। बाघ की दहशत में लोग अपनी फसलों की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं। लोगों की फसल नहीं बचेगी तो परिवार को कैसे चलाएंगे। किसानों का कहना है कि तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश से गन्ने की फसल पूरी तरह से जमीदोंज हो गई है। पूरा गन्ना जमीन पर गिर गया है। यदि गन्ना नहीं बंधवाएंगे तो बर्बाद हो जाएंगे।
गुस्साए ग्रामीणों ने घेरी वन रेंज चौकी
बाघ के लगातार हो रहे हमलो से नाराज तमाम ग्रामीणों ने वन रेज महेशपुर का घेराव कर बाघ को पकडने की मांग कर धरने पर बैठ गये। बाघ पकड़ने और घायलों को मुआवजा दिये जाने की बात करते हुए हंगामा करते रहे। कुछ देर बाद वन विभाग के अधिकारी, तमाम पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों से रेंजर नरेशपाल सिंह, पुलिस ने वार्ता की और कहा कि घायलों को मुआवजा दिया जायेगा और बाघ को जल्द पकडने का प्रयास किया जाएगा, जिस पर ग्रामीण मान गए और धरना स्थगित कर वापस चले गए।
मुआवजे के लिये वन कर्मचारियो से मिले किसान नेता
भारतीय किसान यूनियन अमन संधू के किसान नेताओ ने बाघ द्वारा पीडित युवको को अतिशीघ्र मुआवजा देने के लिये वन विभाग के कर्मचारियो से भेंट कर उन्हें आगाह किया है। भारतीय किसान यूनियन अमन संधू के अथक प्रयासों से वन विभाग द्वारा घायल किसान तेजपाल पुत्र रोशन को सरकार द्वारा दी जाने वाली एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन और पांच हजार रुपये वन विभाग की टीम द्वारा मौके पर दिये गये। वन विभाग द्वारा किसान नेता अमनदीप सिंह संधू को इलाज के लिये हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है।
प्रभागीय वनाधिकारी संजय कुमार बिश्वाल ने बताया कि युवक पर वन्यजीव द्वारा हमला कर घायल करने की सूचना मिली थी। इस पर घटना स्थल की सघन कॉम्बिंग थर्मल ड्रोन से कराई गई। मगर, क्षेत्र में किसी वन्यजीव की उपस्थित नहीं मिली और न ही किसी वन्यजीव के स्पष्ट पगमार्क मिलें हैं। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय निवासियों को सर्तक किया गया है। लोगों को क्षेत्र में समूह बनाकर जाने की सलाह दी गयी है। वनकर्मियों को क्षेत्र में सतत् निगरानी करने हेतु निर्देशित किया गया है।