प्रयागराज: करवरिया परिवार के राजनीतिक रसूख को 'नीलम' ने रखा कायम

वर्ष 2017 में पहली बार बनी थी विधायक

प्रयागराज: करवरिया परिवार के राजनीतिक रसूख को 'नीलम' ने रखा कायम

मिथलेश त्रिपाठी/प्रयागराज, अमृत विचार। प्रयागराज जिले की मेजा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रहीं नीलम करवरिया का बीमारी के चलते गुरुवार की देर रात हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इससे पहले शुक्रवार व शनिवार को उन्हें श्रृद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। उन्हें लिवर सिरोसिस की बीमारी के कारण कुछ दिनों से हैदराबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जवाहर पंडित हत्या मामले में जब उनके पति,जेठ व देवर को जेल हो गई तो उन्होंने करवरिया परिवार के राजनीतिक रसूख बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने व्यवहार से वे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी थीं।  

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चित्रकूट जिले के राजापुर  के रहने वाली नीलम करवरिया स्व. पूर्व विधायक शिव नरेश मिश्र की पुत्री थीं। इनका जन्म 2 जुलाई 1969 को हुआ था। नीलम ने इंटर तक की पढ़ाई कर्वी से की। बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। विश्व विद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही नीलम की मुलाकात उदयभान करवरिया से हुई। एकदूसरे को जानने के बाद दोनों ने 6 मार्च 1992 विवाह कर लिया। पुत्र सक्षम और पुत्रियों साक्षी व समृद्धि की मां नीलम ने अपने व्यवहार से करवरिया परिवार को अपना बना लिया। 

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वर्ष 2017 में बीजेपी से बनी थीं विधायक 
वर्ष 1996 में जवाहर पंड‍ित की हत्‍या हो गई थी। इस मामले में नीलम के जेठ कपिलमुनि करवरिया,पति उदयभान व देवर सूरजभान को वर्ष 2013 में जेल भेजा गया था। परिवार के रसूख को बचाने के लिए नीलम ने राजनीति में कदम रखा। वर्ष 2019 में जवाहर पंडित हत्याकांड में करवरिया बंधुओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। परिवार के रसूख को बचाने के लिए नीलम ने राजनीति में कदम रखा। मेजा विधानसभा क्षेत्र में नीलम ने अपने पति की कर्मभूमि पर लोगों के सुख-दुख में खूब हिस्सा लिया। काफी लोकप्रियता भी हासिल की।

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नतीजा यह रहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में नीलम ने मेजा विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। पति उदयभान करवरिया बारा विधानसभा से दो बार भाजपा से विधायक रह चुके हैं। जेठ कपिलमुनि करवरिया फूलपुर से बसपा के टिकट पर सांसद रहे, जबकि देवर सूरजभान करवरिया भी विधान परिषद सदस्य रहे हैं। वर्ष 2022 में नीलम सपा प्रत्याशी संदीप पटेल से कम अंतर पर चुनाव हार गईं थी। लेकिन क्षेत्र में उनकी मौजदूगी लोगों में लोकप्रियता बढ़ाती रहीं। जनता की समस्याओं को सुनकर उसका समाधान करती थीं। 

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पति उदयभान की रिहाई पर खूब खुश थीं नीलम
सपा के पूर्व विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड के मामले में नैनी सेंट्रल जेल में सजा काट रहे भाजपा के बारा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की कारागार से रिहाई के पहले ही जेल गेट पर उन्हें लेने के लिए उनकी पत्नी नीलम करवरिया, बेटा सक्षम, वैभव समेत परिवार के अन्य सदस्य व रिश्तेदार पहुंचे थे। पित उदयभान के जेल गेट के बाहर आते देखन नीलम को मानों दुनिया की सारी खुशी मिल गई। पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई का आदेश 19 जुलाई को जारी हुआ था। लेकिन इलाज के दौरान ही नीलम की हैदराबाद में मृत्यु हो गई। करवरिया परिवार से उनका साथ हमेशा-हमेशा के लिए छूट गया। प्रयागराज स्थित करवरिया कोठी में एकबार फिर सन्नाटा पसर गया,करवरिया परिवार की खुशी पर ग्रहण लग गया।

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