लखनऊ में पर्यावरण प्रेमियों की अपील, पेड़ों पर मत ठोंको कील

नेशनल हाईवे के किनारे लगे पेड़ों पर कील और तारों से बांधे हैं सैंकड़ों विज्ञापन

लखनऊ में पर्यावरण प्रेमियों की अपील, पेड़ों पर मत ठोंको कील

वन विभाग विज्ञापन लगाने वालों पर नोटिस भेजने की कर रहा तैयारी

फहीम उल्ला खां, मलिहाबाद :  शहर से लेकर गांव तक सड़क किनारे लगे पेड़ों में अवैध तरीके से होर्डिंग और बैनर लगाकर लोग पर्यावरण से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मलिहाबाद में नेशनल हाईवे के किनारे हरे-भरे वृक्षों पर विभिन्न संस्थान कीलों और तार से बैनर, पोस्टर व अन्य प्रचार सामग्री ठोंककर हरियाली को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, पर्यावरण प्रेमी हरियाली को बढ़ावा देने, वृक्षों की कटान पर रोक लगाए जाने और पेड़ों पर कील मत ठोकने की अपील भी कर रहे हैं। ऐसे में पेड़ों पर हो रहे अत्यचारों को देख वनविभाग प्रचार-प्रसार करने वाले संस्थानों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी में जुटा है।

दस किलोमीटर की रेंज तक लगे सैकड़ों विज्ञापन

मलिहाबाद सर्किल में लखनऊ-हरदोई मार्ग में रहीमाबाद क्षेत्र तक सैंकड़ों संस्थानाओं के विज्ञापन पेड़ों पर लगे हैं। इसके अलावा रहीमाबाद से माल मार्ग पर भी पेड़ों पर विज्ञापनों की भरमार काफी है। हैरत की बात है कि पेड़ों की कटान पर रोकने वाले वन विभाग की नजर इन विज्ञापनों पर नहीं पड़ती है। यही वजह है कि संस्था अवैध रुप से पेड़ों पर होर्डिंग, फ्लैक्स, बैनर, पोस्टर इत्यादि चस्पा कर पेड़ों पर अत्यचार कर रहे हैं।

खोखले हो रहे हरे-भरे वृक्ष

लखनऊ रेंजर सोनम दीक्षित ने बताया कि पेड़ों पर कील ठोंकने व तने पर तार बांधकर से पेड़ों की छाल निकल जाती है। जिससे जड़ों से तनों और पत्तियों में जाने वाला तरल पदार्थ ऊपर नहीं पहुंच पाता। छाल निकल जाने से वृक्षों के जायलम और फ्लोयम नष्ट हो जाता है। उससे वृक्षों को विकास रुक जाता है। कुछ समय बाद भरे-हरे वृक्ष सूख जाते हैं। बताया कि वृक्षों पर कील और कटीले तार बांधकर प्रचार-प्रसार करना अपराध है।  ट्री-प्रोटेक्शन एक्ट के तहत संस्थानों के विरुद्ध पांच हजार रुपये तक जुर्माना और पुन: गलती करने पर 15 दिन की सजा दी सकता है। 

संस्थाओं को भेजा जाएगा नोटिस

मलिहाबाद रेंजर आलोक तिवारी ने बताया कि सड़क किनारे लगे पेड़ों पर अवैध रुप से कील ठोंकर होर्डिंग लगाकर प्रचार करना वन अधिनियम की धारा 33 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है। पेड़ों पर अत्यचार कर रही संस्थाओं को चिन्हित किया गया है। इन संस्थाओं के खिलाफ वन विभाग वन्य अधिनियन के तहत नोटिस जारी करने जा रहा है। इसके साथ ही संस्थाओं से जुर्माना भी वसूला जाएगा।