हल्द्वानी: मुख्यमंत्री धामी की घोषणा ही ‘बाइपास’, सवा साल में एक कदम भी नहीं बढ़ी फाइल

हल्द्वानी: मुख्यमंत्री धामी की घोषणा ही ‘बाइपास’, सवा साल में एक कदम भी नहीं बढ़ी फाइल

अंकुर शर्मा, हल्द्वानी, अमृत विचार। जनपद नैनीताल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को ही ‘बाइपास’ कर दिया गया है। उनकी कैंचीधाम बाइपास बनाने की घोषणा की फाइल लगभग सवा साल बीतने के बाद भी एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी है। हालत इतनी बदतर है कि बाइपास को धरातल पर उतारना तो दूर क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए संयुक्त सर्वे तक नहीं हो सका है।

बीते 15 माह से सिर्फ पत्र-पत्र खेला जा रहा है। ऐसे में आगामी पर्यटन सीजन में पर्यटकों और पर्वतीय जिलों के बाशिंदों को कैंचीधाम में लगने वाले जाम के झाम से निजात मिलती नहीं दिख रही है। फिलहाल प्रशासनिक तंत्र की इस काहिली का खामियाजा पर्यटकों और कुमाऊं वासियों को अभी और भुगतना पड़ेगा। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 15 जून 2023 को बाबा नीब करौरी महाराज के आश्रम के स्थापना दिवस पर पर्यटकों को जाम से निजात दिलाने के लिए कैंचीधाम बाइपास की घोषणा की थी। बाद में मुख्यमंत्री की घोषणा (संख्या -265/2023) में इसको हरी झंडी भी मिल गई। घोषणा के तहत भवाली सैनिटोरियम से चोरसा गांव तक पूर्व में निर्मित बाइपास को रातीघाट-पाडली राष्ट्रीय राजमार्ग में जोड़ने के लिए 12 से 14 किमी नया मोटर मार्ग बनाने और पाडली के समीप एक मोटर पुलिया से जोड़ना है। इसमें लगभग 11.04 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है।

नियमानुसार इस बाइपास निर्माण के लिए क्षतिपूर्ति वनीकरण के तहत बेतालघाट ब्लॉक के कोरड़, पट्टी मल्ली कोश्या में 22.08 हेक्टेयर नॉन जेड ए की भूमि देने का विचार है। उक्त भूमि अल्मोड़ा वन डिवीजन के अंतर्गत आती है। इस भूमि का संयुक्त सर्वे होना है जिसमें लोनिवि, वन समेत अन्य संबंधित विभाग शामिल होते हैं।

हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री धामी की घोषणा के लगभग सवा साल बाद भी यह संयुक्त सर्वे अब तक नहीं हो सका है। हालांकि लोनिवि अधिकारियों का दावा है कि बीती 19 सितंबर को अल्मोड़ा डीएफओ को संयुक्त सर्वे करने के लिए पत्र लिखा गया है। ऐसे में कैंचीधाम के अगले स्थापना दिवस तक मुख्यमंत्री धामी की घोषणा को साकार होती नहीं  दिख रही है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

कैंचीधाम बाइपास के निर्माण के लिए शुरुआती स्तर पर काम चल रहा है।  
- विपिन पंत, एसडीएम कैंचीधाम

मुख्य सचिव, लोनिवि सचिव, डीएफओ अल्मोड़ा को पत्र भेज कर कैंचीधाम बाइपास के लिए क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि की व्यवस्था करने की मांग की  गई है। यदि बाइपास का काम जल्द शुरू नहीं हुआ तो आगामी सीजन में  बहुत दिक्कत होगी।
= संजय वर्मा, निवर्तमान चेयरमैन भवाली नगर पालिका

हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं कैंचीधाम 
कैंचीधाम की मान्यता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के पूर्व संस्थापक स्व. स्टीव जॉब्स के अलावा भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली, अभिनेत्री समांथ रूथ प्रभु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कईं दिग्गज हस्तियां बाबा की अनुयायी है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कैंचीधाम में दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा कैंचीधाम को मंदिर माला मिशन से भी जोड़ा गया है।  

जाम में जिंदगी से जूझते हैं प्रसूताएं व गंभीर मरीज
इस बाइपास के बनने से सिर्फ कैंचीधाम आने वाले पर्यटकों को लाभ नहीं होगा बल्कि भवाली नगर को भी जाम से निजात मिलेगी। इसके साथ ही अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जाने वाले क्षेत्रवासियों को भी जाम से निजात मिलेगी। दरअसल, पर्यटन सीजन में पर्वतीय क्षेत्रों को आने जाने वालों को कैंचीधाम में घंटों तक जाम से जूझना पड़ता है इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत गंभीर मरीजों, प्रसूताओं को होती है, उन्हें जाम में फंसे हुए जिंदगी के लिए जंग लड़नी पड़ती है।