लंकाशर काउंटी के सीईओ Daniel Gidney ने की घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए BCCI की तारीफ
लंदन। इंग्लैंड की काउंटी टीम लंकाशर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेनियल गिडने ने भारतीय क्रिकेटरों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने को जरूरी बनाने के बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के फैसले की तारीफ करते हुए अपने देश के खिलाड़ियों के लाल गेंद के प्रारूप की जगह फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह देने पर निराशा जताई। गिडने ने इस समस्या के लिए खिलाड़ियों के एजेंट (प्रतिनिधि) को दोष देते हुए कहा कि इससे इंग्लिश काउंटी चैम्पियनशिप के भविष्य को खतरा है।
बीसीसीआई ने रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को छोड़कर सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए रणजी और दलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों में खेलना अनिवार्य कर दिया है। ये खिलाड़ी जब चोटिल या राष्ट्रीय टीम के साथ नहीं होते है तो उनके लिए घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी है। श्रेयस अय्यर और इशान किशन को घरेलू क्रिकेट की जगह आईपीएल को तरजीह देने के कारण बीसीसीआई के सालाना अनुबंध से हाथ धोना पड़ा था। किशन ने पिछले सत्र में एक भी रणजी मैच नहीं खेला था जबकि अय्यर ने फाइनल सहित नॉकआउट चरण के मुकाबले खेले थे। बीसीसीआई के इस फैसले की काफी तारीफ हुई थी।
क्रिकेट प्रशासन के सबसे लंबे समय तक सेवारत सीईओ में से एक गिडने ने कहा, आप इसकी कल्पना कर के देखिये कि कोई संचालन संस्था इतने साफ तरीके से अपनी बातों को रखता है। इस तरह से प्राथमिकता देना शानदार है। उन्होंने ‘द गर्डियन’ से कहा कि इंग्लैंड में खिलाड़ियों से जुड़े एजेंटों को घरेलू क्रिकेट की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, हमें इस बारे में खुल कर बात करनी चाहिये। प्रशंसक कोच और प्रशासन से जुड़े लोगों को दोषी करार देते है लेकिन अगर कोई असली दोषी है तो वह इन खिलाड़ियों के एजेंट हैं।
उन्होने कहा, मुझे लगता है कि चैंपियनशिप का समर्थन करने का तरीका खोजने के लिए खेल के हितधारकों को एक साथ आने की जरूरत है। गिडने ने कहा, इंग्लैंड के खिलाड़ियों को चैंपियनशिप में खेलने की ज़रूरत नहीं है, एजेंटों को चैंपियनशिप की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का पारिश्रमिक बढ़ाने के साथ फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उनकी भागीदारी को सीमित कर के इस समस्या से निपटा जा सकता है।