अयोध्या: छुट्टा मवेशियों से परेशान किसानों ने आस्तीक मुनि आश्रम पर शुरू किया धरना

अयोध्या: छुट्टा मवेशियों से परेशान किसानों ने आस्तीक मुनि आश्रम पर शुरू किया धरना

मिल्कीपुर/अयोध्या, अमृत विचार। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के पौराणिक स्थल आस्तीक मुनि आश्रम पर छुट्टा मवेशियों से तंग किसानों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इनायतनगर थाना क्षेत्र के ग्राम डीह पूरे बीरबल (आस्तीकन बाजार) में छुट्टा जानवरों की व्यवस्था ना किए जाने से आक्रोशित किसानों का कहना है कि आस्तीकन बाजार में सैकड़ों की संख्या में मौजूद मवेशियों को जबतक गौशालाओं में नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक हम यहीं पर बैठे रहेंगे। हालांकि अभी तक धरना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की गई है।

बताते चलें कि मिल्कीपुर विधानसभा में अगले कुछ दिनों में उपचुनाव होना है और क्षेत्र में छुट्टा पशुओं को लेकर किसानों में काफी गुस्सा भी है। धरने के दौरान किसानों ने बताया कि उन्हें पूरी रात जाग कर इन छुट्टा मवेशियों से अपनी फसलों की सुरक्षा करनी पड़ती है। यदि जरा सी आंख लग गई तो खेतों में झुंड में छुट्टा जानवर घुस जाते हैं और धान, उड़द, गन्ना आदि फसलों को चट कर जाते हैं। यही नहीं आए दिन छुट्टा जानवरों से हादसे भी हो रहे हैं। कई किसानों की जानें जा चुकी हैं। किसानों ने बताया कि सरकार की ओर से छुट्टा मवेशियों को पकड़ कर पशु आश्रय स्थलों पर छोड़ने का निर्देश भी है। उसके बावजूद प्रशासन की कुंभकर्णी नींद नहीं खुल रही है। 

इन्हीं मुद्दों को लेकर सोमवार की सुबह दस बजे से किसान आस्तीकन बाजार में  सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण यादव के साथ धरनें पर बैठे हैं। प्रवीण यादव ने बताया कि आए दिन यहां छुट्टा जानवरों से कोई ना कोई घायल हो रहा है। किसान बेचारा दिन में मजदूरी करता है व रात में खेत में जाग कर रखवाली करता है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इसका समाधान नहीं करेगी, हम लोग बिना कुछ खाए पिए यही अनशन पर रहेंगे। 

भोलू पासी बताते हैं रखवाली करने के बाद भी दो बीघा उड़द जानवरों ने साफ कर दिया। ग्राम डीह पूरे बीरबल के पूर्व प्रधान छेदी बताते हैं कि शाम होते ही ये जानवर झुण्ड में सड़कों की संख्या में आ जाते हैं। जिससे रोज कोई ना कोई राहगीर घायल हो रहा है। धरने में घुरेहटा के पूर्व प्रधान राम धीरज, रामयज्ञ यादव, प्रांजल यादव, धर्मचंद, महेंद्र कुमार, विनोद, गंगाराम, रामलाल, संजय, मोहम्मद रईस, आजाद सहित दर्जनों किसान शामिल रहे।

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