पंतनगर: शेयर ट्रेडिंग के नाम पर दो मामलों में 29.05 लाख की धोखाधड़ी
पंतनगर, अमृत विचार। फेसबुक पर स्टॉक मार्केटिंग का विज्ञापन देखकर झांसे में आए एक युवक से 18.55 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गई। पीड़ितों की तहरीर पर पुलिस ने दोनों मामलों में अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 319(2), 61(2), 3(5) व आईटी एक्ट 66डी के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ओमैक्स रुद्रपुर निवासी मोहन चंदोला ने साइबर थाने को दी तहरीर में बताया कि उन्होंने फेसबुक पर स्टॉक मार्केटिंग के विज्ञापन पर क्लिक किया तो उसे बीती 26 अगस्त को अज्ञात व्हटसअप ग्रुप से जोड़ दिया गया। जिसमें ग्रुप एडमिन ने खुद को शेयर मार्केट का एक्सपर्ट बताते हुए एडमिन से चैटिंग में रैलीगेयर पोर्टल वेब पर ट्रेडिंग करने के लिए प्रेरित किया। उसकी सहमति के बाद उसे ज्वॉइन करा दिया, जिसमें अन्य लोग भी थे।
शुरू में वह लाभ हानि की जानकारी देकर अपने अपने प्रॉफिट के स्क्रीन शॉट शेयर करते थे। जिसे देखकर उसे भी भरोसा हो गया और उसने रजिस्ट्रेशन कराकर अकाउंट खोल लिया। शुरुआत में उसने उनके अनुसार 15 हजार रूपये किश्त जमा कराई। बाद में ट्रेडिग कराते हुए असिस्टेंट के बताए अज्ञात खातों में तीन सितंबर को 3.70 लाख और पांच सितंबर को 14.70 लाख रूपये जमा करा दिए।
इसके अलावा उन्होंने उसे झांसे में लेकर उसके ट्रेडिग अकाउंट में लोन के नाम पर लगभग एक करोड़ के आईपीओ अलॉट करवा दिए और कहा कि पांच दिन का ब्याज न्यूनतम स्तर पर लिया जाएगा। उसके खाते में धनराशि आते ही ब्याज काट लिया जाएगा और 83 लाख 83 हजार 710 रूपये का लोन उसके ट्रेडिग अकाउंट में डाला गया। जिसमें पांच दिन का ब्याज 2,51 लाख रूपये जोड़ा गया जो उसे उनके दिए प्रोफिट चार्ट में शो हो रहा था। उसके विदड्राल करने पर धनराशि नही निकली तो उन्होंने खाते पर ऑटोमेटिक लॉक लगना बताया और इसे खोलने के लिए धनराशि की मांग करने लगे, तो उसे उसके साथ 18.55 लाख रूपये की धोखाधड़ी का एहसास हुआ।
वहीं दूसरे मामले में भी ओमेक्स रिविएरा रुद्रपुर निवासी धीरेंद्र कुमार सिंह ने साइबर थाने को दी तहरीर में बताया कि उसने भी फेसबुक पर स्टॉक मार्केटिंग का विज्ञापन देखने के बाद पर क्लिक किया तो इन्वेस्टमेंट स्टेªेटजी सेमिनार नामक व्हाट्सअप ग्रुप से जुड गया। जिसमें शेयर मार्केटिंग संबंधी चैटिंग होने लगी। उसके भी सहमति देने के बाद एक अन्य व्हटसअप गुप्र में जोड़ दिया गया। उसने ग्रुप एडमिन के अनुसार एक ट्रेडिग अकाउट खोला। जिस पर वह ट्रेडिग करने लगा। एक बार उन्होंने ट्रेडिग में लाभ की 18 हजार रूप्य्रे धनराशी उस के खाते में भी ट्रांसफर की।
जिससे उसे विश्वास हो गया। कुछ समय बाद एडमिन ने कई अन्य कंपनी के शेयरो में अप्लाई करने को बोला, तो उसने अप्लाई कर दिया। साथ ही लालच में आकर उसने आईपीओ व शेयर खरीदने के लिए अपने खाते से भिन्न भिन्न खातों में पांच से 13 अगस्त के बीच 1.20 लाख रुपये 14 अगस्त को 1.75 लाख रुपये 21 अगस्त को 50 हजार रुपये और 29 अगस्त से दो सितंबर के बीच 7.23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इस प्रकार 10.68 लाख रूपये जमा कर लिये , लेकिन आईपीओ चार्ट उसका प्रॉफिट करीब 52 लाख रुपये दिखा रहा है। जब उसने 10 लाख धनराशि निकासी करने के लिए आवेदन किया तो उन्होने उसका खाता होल्ड कर दिया और सर्विस फीस के तौर पर 5.23 लाख रुपये जमा करने को कहा। उसके असमर्थता जताने पर उनके बार बार धनराशी जमा करने का दबाब डालने पर उसे उसके साथ ठगी होने का एहसास हुआ।