हल्द्वानी: दरोगा की बर्बरता से नाराज ग्रामीणों ने किया हंगामा, पुलिस का छूटा पसीना, एसपी ने दिया जांच का भरोसा
हल्द्वानी, अमृत विचार। खन्स्यू थाने में तैनात दरोगा की बर्बर पिटाई से नाराज ग्रामीणों ने रविवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन का घेराव कर दिया। दो घंटे तक जमकर हंगामा काटा और प्रदर्शनकारियों को मनाने में पुलिस का पसीना छूट गया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने की भी नाकाम कोशिश की। अंत में एसपी क्राइम हरबंस सिंह ने जांच का भरोसा देकर नाराज ग्रामीणों का शांत कराया। हालांकि ग्रामीण दरोगा और सिपाही की बर्खास्तगी की मांग पर अड़े रहे।
शनिवार तक ओखलकांडा चौकी प्रभारी रहे एसआई सादिक हुसैन पर एक स्थानीय युवक के साथ बेरहमी से मारपीट का आरोप है। सादिक को लाइन हाजिर कर दिया गया है और मामले की जांच एसएसपी ने एसपी क्राइम हरबंस सिंह को सौंपी है, लेकिन खन्स्यू के लोग एसएसपी की इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।
रविवार को मारपीट से आक्रोशित ग्रामीणों बड़ी संख्या में पूर्व छात्रसंघ कोषाध्यक्ष दीपक मेवाड़ी के नेतृत्व में पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के जागरुक युवक मनमोहन सिंह ने फेरी वाले से सत्यापन और आधार कार्ड को लेकर पूछताछ की थी और आरोपी दरोगा सादिक इसी बात से नाराज हो गया।
मनमोहन को थाने लाकर दरोगा और सिपाही ने उसे बेरहमी से पीटा। ग्रामीण दरोगा पर केस दर्ज कर उसे बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन में विवेक मिश्रा, अमन बिष्ट, योगेश कुमार, चंदन मेवाड़ी, लक्की मेवाड़ी, मदन गौनिया, पंकज चौहान, प्रिंस मिश्रा आदि थे।
दस मिनट में खाली कर दो भवन, वरना...
बहुउद्देशीय भवन परिसर में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को मनाने के लिए एसपी क्राइम हरबंस सिंह बाहर आए, लेकिन आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी तुरंत संभव नहीं थी। एसपी ने नाराज ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं माने तो गुस्से में आकर एसपी ने दस मिनट के भीतर भवन परिसर खाली करने की चेतावनी दे दी और अपने दफ्तर में चले गए। इससे नाराज ग्रामीणों जमीन पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे। पुलिस के तमाम अधिकारियों ने तरह-तरह के प्रलोभन लेकर उन्हें उठाने की जबरन कोशिश की, लेकिन उठा नहीं सके।
मुकेश बोरा को नहीं पकड़ पाए और जनता पर तानाशाही
प्रदर्शन के दौरान तमाम लोग पुलिस को लेकर तरह-तरह की चर्चा करते सुनाई दिए। इन्हीं में से कुछ लोग आपस में बातचीत कर रहे थे और कह रहे थे कि ये है मित्र पुलिस, जिसका अपराधियों पर जोर नहीं चल रहा और जनता पर तानाशाही कर रहे हैं। कहा, मुकेश बोरा इतने लंबे समय से फरार है। पुलिस उसे तो पकड़ नहीं पाई और एक जागरुक व्यक्ति जब बाहरी फेरी वाले से पूछताछ करने लगा तो उसे ही बेरहमी से पीट दिया।