बाराबंकी: 80 फीसदी से ज्यादा पसमांदा मुस्लिम, लेकिन टिकट में हिस्सेदारी नहीं

दलों के टिकट वितरण पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने उठाए सवाल

बाराबंकी: 80 फीसदी से ज्यादा पसमांदा मुस्लिम, लेकिन टिकट में हिस्सेदारी नहीं

बाराबंकी, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में करीब 225 ऐसी विधानसभा (रिजर्व,सामान्य मिलाकर ) हैं, जिनमें 20 प्रतिशत से लेकर 53 प्रतिशत तक मुसलमान वोटर हैं और इन मुसलमानों में 80 फीसदी से ज्यादा वोटर पसमांदा मुसलमान हैं, लेकिन सभी सियासी पार्टियों में इनकी हिस्सेदारी लगभग न के बराबर है। इतना ही नहीं विधानसभा-लोकसभा चुनाव में टिकट भी नहीं दिया जाता है। यह बात ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने अपने एक बयान में कही हैं। 

उन्होंने कहा की 40 से 53 प्रतिशत तक मुस्लिम वोटर वाली विधानसभा रामपुर, स्वार, चमरव्वा, बिलासपुर, मिलक, मुरादाबाद नगर, मुरादाबाद ग्रामीण, कॉठ, धनौरा,  ठाकुरद्वारा, कुन्दरकी, बिलारी,अमरोहा, बहराइच, श्रावस्ती, भिनगा, बलहा, बलरामपुर, शोहरतगढ, कपिलवस्तु, डुमरियागंज, खलीलाबाद, मऊ, गोरखपुर ग्रामीण, टांडा, मुबारकपुर समेत कई अन्य भी हैं।

वहीं 20 से 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटरों वाली छपरौली, बागपत, बडौत, लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदीनगर, नोएडा, दादरी, जेवर, धौलाना, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, कानपुर, लखनऊ,  बाराबंकी, गोंडा व सुल्तानपुर समेत दर्जनों सीटे हैं। सिर्फ बुंदेलखंड की 28 विधानसभा सीटों को छोड़ दीजिए तो अन्य 225 विधान सभाओ़ या इनकी लोकसभाओं के अलावा ,बची अन्य सीटों पर भी पसमांदा मुसलमान निर्णायक भूमिका में हैं, लेकिन उसके बाद भी कहीं हिस्सेदारी नहीं मिल रही है।

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