Kanpur में बस अड्डा बदहाली की सीमा कर रहा पार, दस वर्षों से दिखा रहे पीपीपी मॉडल का सपना, अधिकारी बोले ये...

Kanpur में बस अड्डा बदहाली की सीमा कर रहा पार, दस वर्षों से दिखा रहे पीपीपी मॉडल का सपना, अधिकारी बोले ये...

कानपुर, अमृत विचार। शहीद मेजर सलमान खान अंर्तराज्यीय झकरकटी बस अड्डे का विकास पीपीपी मॉडल के तहत होगा, यही लालीपॉप पिछले लगभग 10 वर्षों से परिवहन दे रहा है। परिवहन को ये नहीं दिखाई दे रहा है कि उसके अनदेखी के चक्कर में यात्रियों की किस प्रकार की दुर्दशा हो रही है। परिवहन अधिकारियों के पास एक रटारटाया जवाब है कि पीपीपी मॉडल के तहत इसका विकास होना है।

झकरकटी बस अड्डा के अंदर सड़क से सीधे बसों के प्रवेश करने का रास्ता बना है लेकिन बस अड्डा के गेट पर पहुंचते ही बड़े बड़े गड्ढे बसों में बैठे यात्री की कमर तोड़ देते हैं। यदि इन गड्ढों को भर दिया जाये तो कुछ राहत मिल जाये लेकिन ऐसा नहीं करने से आयेदिन बस अड्डे पर हादसे हो रहे हैं। 

झकरकटी बस अड्डा के अंदर बस के आने के बाद बाहर बसों के निकलने के लिये बस अड्डा के पीछे का रास्ता दिया गया है लेकिन ये रास्ता खेत से बदतर है। बस अड्डा के पीछे गेट से होते हुए झकरकटी पुल के नीचे से जैसे ही सर्विस रोड पर बसें पहुंचती है, यहां रोड का अता पता नहीं है, सड़क दलदल हो चुकी है, आधी बस इसमें धंस जाती है। 

तत्कालीन यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने झकरकटी बस अड्डे का पीपीपी मॉडल के तहत विकास करने के लिए कमेटी गठित की थी और अब योगी सरकार में भी पीपीपी मॉडल के तहत इस बस अड्डे का विकास होना है लेकिन कब होगा, ये कोई नहीं जानता है।

क्या बोले अधिकारी 

झकरकटी बस अड्डा का पीपीपी मॉडल के तहत विकास होना है, बस अड्डे पर इतनी बड़ी संख्या में बसें आती हैं, उनके व्यवस्थित करने के लिए स्थान तलाशा जा रहा है, कई जगह देखी भी हैं। रणनीति बनाई जा रही है कि शहर की चारों सीमाओं पर बस अड्डे बना दिये जायें ताकि वहीं से बसें वापस चली जायें। - महेश कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, झकरकटी बस अड्डा

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