कर्नाटक के मांड्या में हुई हिंसा के संबंध में पुलिस निरीक्षक निलंबित, तीन और गिरफ्तार

कर्नाटक के मांड्या में हुई हिंसा के संबंध में पुलिस निरीक्षक निलंबित, तीन और गिरफ्तार

नागमंगला। कर्नाटक के नागमंगला में भगवान गणेश की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में एक पुलिस निरीक्षक को लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया है तथा घटना के संबंध में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि मांड्या जिले के इस शहर में स्थिति सामान्य हो गई है, जहां बुधवार रात दो समूहों के बीच झड़प होने के बाद भीड़ के कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ किए जाने से तनाव पैदा हो गया था।

पुलिस ने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है, फिर भी शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और एहतियात के तौर पर 14 सितंबर तक चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन और गिरफ्तारियों के साथ गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। पहले गिरफ्तार किए गए 52 लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बृहस्पतिवार को फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों की एक टीम ने भी साक्ष्य जुटाने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। 

मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालदंडी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नागमंगला टाउन थाने में तैनात पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार को शोभायात्रा के दौरान हुई झड़पों के संबंध में लापरवाही बरतने के लिए बृहस्पतिवार शाम को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा, “यहां स्थिति शांतिपूर्ण है और पहले से ही गिरफ्तार किए गए 52 लोगों के अलावा, हमने घटना के संबंध में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और निषेधाज्ञा 14 सितंबर तक लागू रहेगी।” 

केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री तथा जद (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को शहर का दौरा किया। वह मांड्या से लोकसभा सदस्य भी हैं। पुलिस के अनुसार बुधवार को जब बद्रीकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्रा निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई। 

पुलिस के मुताबिक दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। शोभायात्रा निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।  

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