Kanpur News: कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश का मामला...टोल प्लाजा के CCTV में दिखे संदिग्ध
कानपुर, अमृत विचार। कालिंदी एक्सप्रेस हादसे के बाद सुरक्षा एजेंसियां शिवराजपुर समेत आसपास के इलाकों में डेरा जमाए रहीं। क्राइम सीन दोहराने के बाद टीम शिवराजपुर स्थित दरिया निवादा टोल प्लॉजा पर पहुंची और सीसीटीवी कैमरों की जांच की। जांच में कई संदिग्ध कैद हुए हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। दो संदिग्धों पर विशेष नजर है।
बुधवार को पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने मुंडेरी, सेनानिवादा, उधवनिवादा, उत्तरीपूरा, शिवराजपुर कस्बा, शाह निवादा, दरिया निवादा समेत कई गांवों में दबिश दी और संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया। डीसीपी वेस्ट के मुताबिक कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया गया है।
एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से 50 मीटर दोनों तरफ, 200 मीटर तक की दूरी पर स्थित हाईवे, हाईवे पर ढाबों समेत तमाम स्थानों पर जांच कर फुट प्रिंट, शू प्रिंट्स, हथेली के निशान की भी तलाश की। एफएसएल अधिकारियों के मुताबिक रेलवे ट्रैक पर पथरी होने की वजह से सतह खुरदुरी है, इसलिए यह प्रक्रिया मुश्किल साबित हो रही है।
बोतल में डीजल और पेट्रोल का मिश्रण
वारदात के खुलासे में लगी एजेंसियों का मानना है कि मौके से जो बोतल मिली थी, उसमें केवल पेट्रोल नहीं बल्कि डीजल भी मिला हुआ था। इसके पीछे की वजह ये बताई गई कि पेट्रोल तुरंत आग पकड़ता है, जबकि डीजल इसकी अपेक्षा देर तक ज्वलनशील रहता है।
छह पुलिस टीमें, तीन जांच एजेंसियां, हाथ खाली
रविवार रात कालिंदी को उड़ाने की कोशिश की गई। 50 किलोमीटर का कॉशन और 30 किलोमीटर की स्पीड की वजह से ट्रेन में धमाका नहीं हो सका, बल्कि सिलेंडर टक्कर के बाद आगे जा गिरा।
घटना के खुलासे के लिए कमिश्नरेट पुलिस की 6 टीमें, कानपुर और लखनऊ की एफएसएल की टीम, एलआईयू, आईबी, एनआईए, जीआरपी और आरपीएफ खुलासे में लगी हैं, जिनमें कम से कम 300 अधिकारी शामिल हैं। तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस अब तक घटना के किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी हैं।