हल्द्वानी: न्यूक्लियर मेडिसन समेत स्टेट कैंसर संस्थान में बनेंगे 19 विभाग

हल्द्वानी: न्यूक्लियर मेडिसन समेत स्टेट कैंसर संस्थान में बनेंगे 19 विभाग

हल्द्वानी, अमृत विचार। स्वामी राम कैंसर संस्थान को स्टेट कैंसर संस्थान के तौर पर विकसित जाने के लिए तमाम काम किए जाएंगे। पूरे अस्पताल का उच्चीकरण होगा, जिसमें कई विभाग बनाए जाएंगे और साथ ही कई मशीनों की खरीद की जाएगी। वहीं असपताल में स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाएगी।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से स्वामी राम कैंसर संस्थान में 44 हरे पेड़ों को काटने की अनुमति मिल गई है। अब यह अस्पताल स्टेट कैंसर संस्थान के तौर पर विकसित किया जाएगा। पेड़ों के कटान की अनुमति मिलने के बाद अब इसकी कवायद तेज हो गई है। अस्पताल से जानकारी मिली कि स्टेट कैंसर संस्थान बनाने के लिए अस्पताल में न्यूक्लियर मेडिसन विभाग बनाया जाएगा।

न्यूक्लियर मेडिसिन, मेडिसिन की एक सुपर-स्पेशियलिटी शाखा है, जो आणविक स्तर पर विशिष्ट अंग के कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके लिए बिना सील किए रेडियो-सक्रिय ट्रेसर का उपयोग करके थेरानोस्टिक्स (चिकित्सा और निदान) किया जाता है। इसके अलावा पैथॉलोजी बॉयो कैमिस्ट्री, मेडिसिन ऑन्कोलॉजी जैसे विभाग भी होंगे। पहले फेज में 10 विभाग होंगे।

संस्थान में एक ब्लड बैंक भी प्रस्तावित है। संस्थान में 120 बेड का वार्ड और आईसीयू बनाने की भी योजना है। तीमारदारों के ठहरने के लिए एक रैन बसेरा भी प्रस्तावित है। बिजली आपूर्ति, सुरक्षा से जुड़े इंतजाम भी योजना में शामिल किए गए हैं। साथ ही यहां पर रेडियोलॉजी विभाग होगा, जहां सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड आदि हो सकेंगे। पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री की लैब भी होगी।

इंस्टीट्यूट के लिए हाई एनर्जी लीनियर, सिटी सिमुलेटर, मशीन लिनियर एक्सिलेटर समेत रेडियोथेरेपी की आधुनिक मशीनें खरीदी जाएंगी। जब योजाना तैयार हुई तब इन मशीनों की कीमत करीब 30 करोड़ रुपये आंकी गई थी जो अब बढ़ने की संभावना है। अस्पताल में स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

103 करोड़ रुपये की परियोजना अब होगी महंगी
करीब छह साल पहले ब्रिज रोपवे टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमंट कॉपरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (ब्रिडकुल) ने यह डीपीआर तैयार की थी। तब योजना में करीब 103 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था। जो अब बढ़कर करीब 250 करोड़ रुपये तक हो सकता है। अस्पताल के निदेशक डॉ. केसी पांडे ने बताया कि परियोजना में काम दो चरणों में किया जाएगा।