प्रयागराज : मरने के 11 दिनों बाद मामला दर्ज करने पर सरकार से जवाब तलब
अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉब लिंचिंग से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी कि मरने के 11 दिनों बाद औरंगजेब उर्फ फरीद पर डकैती का मुकदमा कैसे दर्ज किया गया। मुकदमा दर्ज करने के क्या हालात थे। कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए विपक्षियों को तीन सप्ताह का समय देते हुए मॉब लिंचिंग में मारे गए औरंगजेब के भाई मोहम्मद जकी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने मोहम्मद जकी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। मालूम हो कि अलीगढ़ में 18 जून 2024 को चोरी के आरोप में औरंगजेब को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। मौत के 11 दिनों बाद पुलिस ने उसे डकैती का आरोपी मानकर 5-6 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। दरअसल 18 जून की रात अलीगढ़ के व्यापारी मोहित मित्तल के घर 5-6 बदमाश सीढ़ियों के रास्ते घुसे और तमंचे-चाकू दिखाकर घर में जमकर लूटपाट की।
घर के बाहर लोगों की आहट बढ़ने पर पकड़े जाने के डर से बदमाश भाग निकले, लेकिन उनमें से एक सीढ़ियों से फिसल कर गिर गया। बाकी बदमाशों में सलमान, मोहम्मद जकी, आशु पान और एक अन्य लड़का था। भीड़ द्वारा औरंगजेब को पीट-पीट कर मारने का वीडियो वायरल होने पर उसके परिवार और मोहल्ले वालों ने मॉब लिंचिंग का आरोप लगाते हुए नारेबाजी तथा हंगामा किया, तब पुलिस ने अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कर मामले को शांत करवाया।
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