शाहजहांपुर : मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत, परिजनों का हंगामा
रविवार को भर्ती कराई गई थी पांच माह की गर्भवती, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
शाहजहांपुर, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने डाक्टर व स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रामा सेंटर में जमकर हंगामा किया। कहा अस्पताल स्टाफ ने घोर लापरवाही की। महिला का पति जब स्टाफ नर्स को बुलाने गया तो नर्स ने उसे थप्पड़ मारकर बेइज्जत किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह परिजनों को शांत किया। पति ने सीएमएस को शिकायती पत्र देकर स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। परिजनों ने महिला के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया और शव को लेकर चले गए।
सिंधौली थाना क्षेत्र के गांव महाऊ महेश निवासी सुखपाल ने बताया कि उसकी 27 वर्षीय पत्नी गोल्डी पांच माह की गर्भवती थी। उसकी पत्नी की रविवार को अचानक बुखार आने पर तबीयत खराब हो गई। वह दोपहर 12 बजे अपनी पत्नी को लेकर राजकीय मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में आया। उसने ड्यूटी पर डाक्टर को दिखाया और डाक्टर ने उसे भर्ती कर लिया। उसको ट्रामा सेंटर पर स्थित पर बेड रखा गया और इलाज शुरू किया गया। स्टाफ ने दवा और ग्लूकोज की बोतल चढ़ायी। उसकी पत्नी की तबीयत रात में तीन बजे के आस-पास खराब हुई। वह कक्ष में स्टाफ नर्स को बुलाने गया। आरोप है कि स्टाफ नर्स ने उसके थप्पड़ मार दिया और कहा कि नींद खराब करते हो। स्टाफ नर्स ने आकर मरीज को देखा और दवा देकर चली गयी। गोल्डी की सुबह आठ बजे ट्रामा सेंटर में मौत हो गयी। डाक्टर और स्टाफ ने कहा कि उसकी मौत हो गयी और घर ले जाओ। इस दौरान मृतका के परिवार वालों ने ट्रामा सेंटर में हंगामा शुरू किया। मेडिकल कालेज की पुलिस चौकी के दरोगा व सिपाही ट्रामा सेंटर में पहुंच गए और मृतका के परिवार वालों को समझाकर शांत कराया। परिवार वालों ने बताया कि ट्रामा सेंटर के स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की मौत हुई है। स्टाफ नर्स को बुलाने गए तो उसने उसके पति के थप्पड़ मार दिया। मृतका के पति सुखपाल ने सीएमएस डा. नेपाल सिंह को स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायती पत्र दिया है। प्रभारी निरीक्षक राजीव तोमर ने बताया कि मृतका के परिवार वालों की तरफ से थाने पर कोई तहरीर नहीं आई है। उन्होंने बताया कि महिला का पंचनामा भी नहीं भरा गया है।
वार्ड में शिफ्ट नहीं किया
मृतका गोल्डी के पति सुखपाल ने बताया कि दोपहर 12 बजे उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। अखिरी समय तक मरीज को ट्रामा सेंटर में रखे रहे। उन्होंने ट्रामा सेंटर के स्टाफ से कहा कि मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दो, लेकिन स्टाफ ने मरीज को वार्ड में शिफ्ट नहीं किया। उसका आरोप है कि जबकि उसके बाद के आए मरीजों को ट्रामा सेंटर से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। स्टाफ से शिफ्ट करने के लिए कहा जाता तो कह देते थे कि वार्ड में बेड खाली नहीं हैं। डाक्टर ने मरीज को रेफर कर दिया था। उसका आरोप है कि स्टाफ ने इलाज कराने के नाम पर पैसे की डिमांड की थी।
गोल्डी नामक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वह पांच माह की गर्भवती थी। मृतका के पति ने शिकायती पत्र दिया है। स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोपों की जांच की जा रही है। -डा. नेपाल सिंह, सीएमएस