Lucknow University: PHD Scholars के साथ नहीं हो रहा इंसाफ, विश्वविद्यालय के पास नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं

Lucknow University: PHD Scholars के साथ नहीं हो रहा इंसाफ, विश्वविद्यालय के पास नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं

लखनऊ, अमृत विचारः लखनऊ विश्वविद्यालय आज का दिन आंदोलन के नाम रहा। शनिवार को विश्वविद्यालय में छात्र जगह-जगह हाथों में पोस्टर और तख्तियां पकड़े नजर आए। एक ओर विद्यार्थी परिषद ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर वीसी ऑफिस का धेराव कर, धरना प्रदर्शन किया। जिसमें सबसे प्रमुख मांग PHD scholars की बायोमेट्रीक हाजरी रही। वहीं दूसरी ओर संयुक्त छात्र सभा ने भी PHD scholars के लिए अपनी आवाज बुलंद की। इस संयुक्त छात्र सभा में एनएसयूआई, समाजवादी छात्रसभा और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशनइस शामिल है। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की व्यव्स्थाओं की पोल खोली कि किस तरह विश्वविद्यालय के पास छात्रो को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। 

राम भरोसे हैं विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर

पीएचडी सकॉलर साक्षी ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय में जब मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। ऐसे में रोज-रोज विश्वविद्यालय आने से क्या फायदा। न ही पीएचडी स्कॉलर के लिए सही से बुक्स उपलब्ध है, न ही बैठने के लिए सही से जगह। संयुक्त छात्र सभा के सदस्य शुभम खरवार ने कहा कि यह विश्वविद्यालय छात्रों को बांधने की कोशिश कर रहा है। पीएचडी स्कॉलर्स के साथ ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय का हर एक छात्र पीएचडी स्कॉलर्स के साथ खड़ा है। जब तक विश्वविद्यालय हमारी मांगे सुन नहीं लेता है तब तक यह प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा। शुक्रवार को संगठन के कुछ सदस्य भी विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों के पास गए थे जहां पर उन्हें 48 घंटों का समय दिया गया है अपने इस निर्णय को वापस लेने के लिए नहीं तो उग्र आंदोलन करने के लिए संयुक्त छात्र संगठन को बाद्य होना होगा। 

विद्यार्थी परिषद के महामंत्री जतिन शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय बायोमेट्रिक लाना चाह रहा है, लेकिन इससे पहले उस तरह की सुविधा तो पहले विश्वविद्यालय के पास मौजूद होनी चाहिए। जतिन ने कहा कि विश्वविद्याल में पहले से ही कई समस्याएं है वे दूर नहीं की जा रही हैं। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय लगातार उनकी बातों को अनसुना कर रहा है जिसकी वजह से छात्रों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है फिर चाहे बात लाइब्रेरी की हो हॉस्टल्स की हो या क्लासेस की हो। अमृत विचार की रिपोर्टर्स ने जब दिए सेकंड ईयर की छात्रा से बात की तो उसने बताया कि उनकी कुछ क्लासेस तो रेगुलर चलती है लेकिन कई बार टीचर्स बिना बताए ही छुट्टी कर देते हैं और क्लासेस रेगुलर नहीं चलाते हैं। वहीं हॉस्टल की एक छात्रा ने बताया कि छात्रावास में कई तरीके की समस्याएं हो रही है जिसकी कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन हॉस्टल वार्डन बातों को अनसुना कर देती हैं।

संयुक्त छात्र सभा की मांग

-शोधार्थी छात्रों के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था को रद्द किया जाए।
-सभी शोधार्थियों को नॉन नेट फेलोशिप उपलब्ध कराई जाए।
-शोध छात्रों के लिए विभागीय पुस्तकालय/वाचनालय खोले जाए।
-शोध छात्रों के लिए उनके विषय की महत्वपूर्ण पत्रिकाएं/शोधपत्रक उपलब्ध कराएं जाए।
-शोध छात्रों के छात्रावास वेहतर रीडिंग हॉल की व्यवस्था की जाए।
-छात्रावास में फास्ट वाइ-फाई इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
-HRA की महीने की बाध्यता को हटाया जाए।
-मूलभूत सुविधाएं जैसे आर ओ वॉटर को हर विभाग में लगाया जाए।


एबीवीपी की क्या हैं मांगे

-NET पास शोधार्थीओ के लिए भी फेलोशिप की व्यवसथा की जाए
-विभागीय पुस्तकालयो. को चालू किया जाए
-जे आर एफ को विभाग में बैठने के लिए एक स्थान सुनिश्चित किया जाये। कला संकाय के डीन कार्यालय द्वारा शोधार्थीयो के साथ बदसलूकी और शोषण बंद हो ।
-विभिन्न विभागों के शौचालयों की स्थिति दयनीय है अतः तत्काल मरम्मत कराने की आवश्यकता है।
-छात्रावासों की लाइब्रेरीयों को पुनः छात्रों के लिए खोला जाये।
-छात्रावास में लगे वाईफाई के रेंज को बढाया जाये जिससे सभी छात्रों को इन्टरनेट की सुविधा मिल सके।
-परिषर में फिल्टर पानी की सुविधा की जाये तथा सभी कैंटीन में पीने योग्य निशुल्क पानी की व्यवस्था की जाये छात्रों को पीने योग्य पानी ना खरीदना पड़े यह सुनिश्चित हो
-टैगोर लाइब्रेरी की समय सीमा बढाई जाये ।
-छात्र हित को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों को लखनऊ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के साथ साथ UGC-NET वा CSIR-NET पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तके उपलब्ध करायी जाये।
-छात्रों के अभ्यास के लिए विभिन्न खेलो की मूलभूत सुविधायें प्रदान की जाये जैसे क्रिकेट हेतु सीमेंट पिच, नेट प्रक्टिस हेतु नेट जाल इत्यादि।
-कला संकाय की कक्षाओं में छात्रों के बैठने की उचित व्यवस्था जाये
-कला संकाय के कई कक्षाओं की छत जर्जर है, कई बार कक्षाये संचालित होने के दौरान छत से मलबा गिरा, सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ अतः उन कक्षाओं की मरमत एक निश्चित समयावधि में कराया जाये।
-विश्वविद्यालय के अधिकतम शिक्षक बायोमैट्रिक की औपचारिकता को तो पूरा करते है पर class नहीं लेते है। उन सभी शिक्षको की जांचकर उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित कराई जाये।
-NACC A++ के निमित्त विश्वविद्यालय में नए छात्रावासो का निर्माण कराया जाए।
-विश्वविद्यालय परिसर के जिम में छात्राओ के समय पर महिला ट्रेनर की नियुक्ति की जाये जिम की समयावधि तय की जाये व आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जाये।
-छात्रों के द्वारा परीक्षा देने व ASSIGNMENT जमा करने के बावजूद लगातार अंकतालिका में अनुपस्थिति दर्ज रहता है। जिसको सही कराने के लिए छात्रों को महीनो परिसर के चक्कर लगाने पड़ते है जो की छात्र हित में उचित नहीं है अतः संलिप्त कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही हो।
-परीक्षा विभाग द्वारा लगातार अनिमियतता बरतने के संदर्भ में समय समय पर लिखित व मौखिक अवगत कराया जाता रहा है लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदार कर्मचारी व अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो की आपके द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की मानसिकता को दर्शाता है।

जल्द निदान का दिया आश्वासन

छात्रों की समस्याओं को सुनने के लिए डप्यूटी रजिस्ट्रार सामने आए। जिन्होंने जल्द से जल्द समस्या के निदान का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा ही छात्रों के हित के लिए ही काम करता है। वहीं छात्रों की समस्या को संज्ञान में लेते हुए 9 सदस्य कमेटी तैयार की गई है। जो बेहतर और छात्रों के हित के लिए कुछ हल निकालेगा। 

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