Kanpur: अमृत विचार पड़ताल: ट्रांसपोर्ट नगर बना तालाब, कारोबार चौपट, ट्रांसपोर्टर पस्त

पार्किंग नहीं होने से सड़कों पर खड़े रहते हजारों ट्रक

Kanpur: अमृत विचार पड़ताल: ट्रांसपोर्ट नगर बना तालाब, कारोबार चौपट, ट्रांसपोर्टर पस्त

कानपुर, अमृत विचार। वैसे तो कानपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं लेकिन ये दावे देश के सबसे बड़े कारोबारी क्षेत्र ट्रांसपोर्ट नगर में मात्र ख्वाब बनकर रह गये हैं। अव्यवस्थाओं और अफसरों की अनदेखी के चलते हजारों ट्रांसपोर्टर्स करोड़ों रुपये टैक्स देने के बाद भी परेशान हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर में लगभग पांच हजार ट्रांसपोर्टर हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के कारोबारियों से सरकार हर साल करीब 150 करोड़ रुपये विभिन्न टैक्स के रूप में वसूलती है लेकिन सुविधा के नाम पर ट्रांसपोर्ट नगर शून्य है। यहां वाहनों के लिए कोई पार्किंग व्यवस्था नहीं है जिससे हजारों ट्रक सड़क पर ही खड़े रहने को मजबूर हैं। 

ये ट्रक सड़क पर ही खड़े रहते हैं और गोदाम में माल उतारते हैं। जब तक ट्रक से माल उतर नहीं जाता, ट्रक वहीं खड़ा रहता है जिससे जाम लगता है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर की सड़कों से निकलने से बचते हैं। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर की सड़कों पर हमेशा जलभराव रहता है जिससे ट्रांसपोर्टर्स परेशान रहते हैं। कोई सफाई कर्मी भी नहीं है जिससे पूरा क्षेत्र बजबजाता रहता है। 

पेयजल-प्रसाधन तक नहीं 

ट्रांसपोर्ट नगर में पूरे देश के ट्रक चालक, परिचालक, पल्लेदार, ट्रांसपोर्ट कर्मी, ट्रांसपोर्टर्स हर समय रहते हैं। इनकी संख्या 20 हजार से कम नहीं होगी लेकिन पेयजल की कोई सुविधा नहीं है और न ही कहीं प्रसाधन है जिससे सबसे ज्यादा परेशान पल्लेदारों को हो रही है।

क्या बोले ट्रांसपोर्टर

ट्रांसपोर्ट नगर में हमेशा जलभराव रहता है जिससे कई सड़कों पर चलना दूभर है। गोदामों में जलभराव होने से करोड़ों का माल भीग जाता है जिससे नुकसान होता है। सालों से कोई सुनने वाला नहीं है। - गया प्रसाद गुप्ता                  

कोई पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से हजारों ट्रक सड़कों पर खड़े रहते हैं जिससे भीषण जाम लगता है। कई कई घंटे लोग जाम में फंसे रहते हैं। ऐसे में बाहर से आने वाले कारोबारी आने से कतराते हैं। -  राकेश कुमार जैन
                                           
प्रशासन ट्रांसपोर्ट नगर की अनदेखी कर रहा है, जिससे सारी दिक्कत है जबकि करोड़ों रुपये का राजस्व केवल ट्रांसपोर्ट नगर से जाता है। सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। कई बार अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया। - राकेश कपूर 

कई जर्जर सड़कों पर तो लोडर पलट जाते हैं। पेट्रोल पंप के बगल से अंदर की सड़क का हाल तो तालाब से भी बदतर है। यहां के ट्रांसपोर्टर्स नरक जैसी जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं। बारिश में यहां घुटनों तक पानी भर जाता है। -  राज कुमार तारन

ट्रांसपोर्ट नगर में पूरे देश से माल आता-जाता है। बाकरकंज चौराहा हो या जूही नहरिया का रास्ता, ट्रांसपोर्ट नगर में घुसते ही यहां की दुर्दशा कारोबारियों को दिखाई देने लगती है। जिससे अपने शहर का छवि भी धूमिल हो रही है। - विनोद शुक्ला
                                             
8 करोड़ की सड़क जलभराव की भेंट चढ़ी 

वर्ष 2012 में तत्कालीन मंत्री नकुल दुबे से मिलकर ट्रांसपोर्ट नगर की खस्ताहाल सड़क को बनवाने की मंजूरी लाये थे। ये सड़क 8 करोड़ की लागत से बनी थी लेकिन ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के कारण सड़क पर जलभराव हो रहा है। जिस सड़क को 2036 तक खराब नहीं होना था, वह सड़क 10 साल में ही टूट गई। - श्याम शुक्ला, संरक्षक, यूपी युवा ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन 

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