Paralympics: कपिल परमार ने कांस्य जीत रचा दिया इतिहास, कहा- पहला कर्मभूमि लखनऊ में माथ टेकूंगा, फिर जाऊंगाघर 

Paralympics: कपिल परमार ने कांस्य जीत रचा दिया इतिहास, कहा- पहला कर्मभूमि लखनऊ में माथ टेकूंगा, फिर जाऊंगाघर 

लखनऊ,अमृत विचार: हजरतगंज के हलवासिया मार्केट स्थित पैरा जूडो अकादमी में अभ्यास कर पैरालंपिक में देश को जूडो स्पर्धा में पहला पदक दिलाने वाले कपिल परमार ने कहा कि लखनऊ मेरी कर्म भूमि है। पेरिस से पहले लखनऊ आऊंगा फिर अपने घर मध्य प्रदेश जाऊंगा। कांस्य पदक जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत कर परमार का मनोबल बढ़ाया।

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के मुरली गांव निवासी कपिल परमार पिछले दो वर्षों से लखनऊ में रह रहे थे। यहां उन्होंने हजरतगंज के हलवासिया मार्केट में स्थित पैरा जूडो अकादमी में प्रशिक्षक मुनव्वर अंजार के निर्देशन में अभ्यास किया। लखनऊ से ही पेरिस रवाना हुए थे। अमृत विचार प्रतिनिधि ने पेरिस में मौजूद पैरा ओलंपियन कपिल से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि प्रधानमंत्री से मेरी बात हो रही है। उन्होंने उत्साहवर्धन कर आगे भी शानदार प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया है।

कपिल ने कहा कि, लखनऊ में प्रशिक्षण लेकर मैंने सफलता प्राप्त की है। पेरिस से लौटने पर पहले कर्मस्थली पर शीश झुकाऊंगा उसके बाद घर का रुख करूंगा। दो वर्ष लखनऊ में रह रहा हूं और इस समय वही मेरा ठिकाना है। वहां अभ्यास करने वाले सभी खिलाड़ी मेरे परिवार की तरह हैं।

कपिल ने बताया घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बाद भी उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। घर वालों ने भी उन्हें हमेशा बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। कपिल सफलता का श्रेय प्रशिक्षक मुनव्वर अंजार और घर वालों को देते हैं।
उत्तर प्रदेश में खेलों का बेहतर माहौल है।

दृष्टि बाधित जूडोका कपिल ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में खेलों का बेहतर माहौल है। यहां सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए भी तमाम योजनाएं चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी आगे की प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करूंगा। सब कुछ ठीक रहा तो लॉस एंजिल्स पैरालंपिक में भी हिस्सा लूंगा।

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