UP: दंपति समेत तीन लोगों की बरेली में हुए सड़क हादसे में मौत; नम आंखों के बीच पति-पत्नी और बेटी सुपुर्दे-खाक
मिलक (रामपुर), अमृत विचार। उमराह करने के लिए गए रिश्तदारों को छोड़कर घर वापस आ रहे बाइक सवार दंपति व पुत्री की सड़क हादसे में मौत हो गई। एक साथ तीन सदस्यों की मौत से घर में कोहराम मच गया। पुलिस ने तीनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल बरेली भेज दिया। बुधवार की शाम छह बजे तीनों के शवों के घर पहुंचने के बाद नम आंखों के बीच सुपुर्दे-खाक कर दिया गया।
क्षेत्र के खाता नगरिया गांव निवासी मोहम्मद यासीन पुत्र शमसुद्दीन उम्र करीब 45 वर्ष,चमन पत्नी मोहम्मद यासीन उम्र 42 वर्ष, फिरोसीन पुत्री मोहम्मद यासीन 18 वर्ष निवासी ग्राम खाता नगरिया थाना मिलक मंगलवार को बरेली स्थित परतापुर गांव निवासी रिश्तेदार के उमराह करने के जाने के कार्यक्रम में शामिल होने बरेली गए थे।
रिश्तेदार के उमराह को रवाना होने के बाद तीनों बाइक से मंगलवार की रात करीब 10 बजे घर लौट रहे थे। थाना फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के हाईवे स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पास किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर के बाद तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों के शव जिला अस्पताल पहुंचवाए।
तीनों मृतकों की पहचान ग्राम खाता नगरिया थाना मिलक जिला रामपुर निवासी के रूप में हुई। घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को दी गई। घटना की सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंचे।तीनों के शव देख रोना बिलखना शुरू कर दिया। पुलिस ने तीनों शवों का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए बरेली के मोर्चरी घर भिजवा दिया। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम को तीनों के शव घर पहुंच गए।
परिवार में एक साथ हुई तीन सदस्यों की मौत से हर कोई गमगीन है। मृतक यासीन राजमिस्त्री का काम करते थे। मृतका फिरोसीन मीरगंज स्थित एक डिग्री कालेज में एमएससी की छात्रा थी। मृतक के दो पुत्र हैं जिनमें छोटा पुत्र शारिक दिव्यांग है तथा बड़ा पुत्र राफे पिता के साथ राजमिस्त्री का काम करता है। शाम को नम आंखों के बीच पति,पत्नी और पुत्री एक साथ सुपर्द ए खाक कर दिए गए।
टूट गई पिता-पुत्र की राजमिस्त्री की जोड़ी
मृतक यासीन जहां भी राजमिस्त्री का काम करने जाते थे। पुत्र राफे को साथ ले जाते थे। पिता पुत्र दोनों एक साथ निर्माण कार्य को अंजाम देते थे। राजमिस्त्री का एक साथ कार्य करने में दोनों पिता पुत्र हर जगह मशहूर थे। पिता की मृत्यु से दोनों की राजमिस्त्री की जोड़ी टूट गई। अब राफे बिना पिता के अकेले राजमिस्त्री का काम करेगा।उसे हर पल पिता की यादें सताएंगी।
दोनों भाइयों की इकलौती बहन थी फिरोसीन
यासीन राजमिस्त्री का काम करके परिवार का पालन पोषण करते थे। शारिक दिव्यांग है इसलिए पूरे घर को फिरोसीन से बहुत उम्मीदें थीं। फिरोसीन को पढ़ाने में परिवार ने पूरी जान लगा दी। मृतका फिरोसीन एमएससी की छात्रा थी। डॉक्टर बनना उसका सपना था। पिता को इकलौती पुत्री पर बहुत नाज था। राफे को बहन से उम्मीद थी कि वह डॉक्टर बनकर उनका नाम रोशन करेगी। लेकिन कुदरत ने पिता का साया और बहन के डॉक्टर बनने की उम्मीद की किरण दोनों एक साथ छीन ली।
एक साथ तीन जनाजे देख हर कोई हुआ भावुक
बरेली में हुए सड़क हादसे में गई दंपति एवं पुत्री की मौत की खबर ने रिश्तेदारों व गांव वालों को झकझोर कर रख दिया। खबर मिलने के बाद गांव में रिश्तेदारों व ग्रामीणों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। लोग पूरे दिन तीनों शवों की राह देखते रहे। शाम 6 बजे जैसे तीनों शव गांव पहुंचे। एक ही घर से तीन जनाजे उठे तो हर किसी की आंख छलक उठी। लोगों ने बारी बारी से तीनों जनाजों को कांधा दिया।
एक साथ उठ गया सिर से माता-पिता का साया
सड़क हादसे में दंपति की मौत के बाद दोनों भाइयों के सिर से माता पिता का साया एक साथ उठ गया। लोग बारी बारी से माता पिता का साया उठते हुए जिंदगी व्यतीत करते हैं। लेकिन राफे और दिव्यांग शाकिर के सिर के एक साथ माता पिता का साया उठ गया। साथ ही इकलौती बहन अपनी यादें छोड़ दुनिया से रुखसत हो गई।