प्रयागराज : अफसर द्वारा कोर्ट के आदेश को न मानना आश्चर्यजनक, अवमानना पर जताई नाराजगी

प्रयागराज : अफसर द्वारा कोर्ट के आदेश को न मानना आश्चर्यजनक, अवमानना पर जताई नाराजगी

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वेतन से सरचार्ज कटौती का आदेश रद्द होने के बाद भी वसूली करने के मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए बस्ती के डीएम रवीश गुप्ता और डीपीआरओ पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ सरचार्ज लगाते हुए उनके वेतन से कटौती करने के डीएम के आदेश को रद्द करने के बावजूद वसूली जारी रखने को अवैध करार दिया।

इसे कोर्ट की अवमानना मानते हुए न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि हाई कोर्ट के आदेश को कोई अधिकारी ना माने, इसे कोर्ट की खुली अवमानना मानते हुए याची के वेतन से किसी प्रकार की कोई कटौती न करने का आदेश जारी किया गया। उक्त टिप्पणी कुसुम लता सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई।

मामले के अनुसार बस्ती निवासी याची पर डीएम ने 28 अक्टूबर 2022 को 8.70 लाख सरचार्ज लगाया था, साथ ही दस हजार रुपए हर महीने वेतन से कटौती का आदेश दिया था। याची के वेतन से 1.40 लाख की कटौती की जा चुकी है। याची ने डीएम के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने डीएम रवीश गुप्ता को दो माह में जांच कर नियमानुसार आदेश देने का निर्देश दिया।

इसके बाद भी कटौती जारी रही। इस पर याची ने दोबारा याचिका दाखिल की। मामले में डीएम द्वारा वसूली का कारण बताने पर कोर्ट ने उसे अतार्किक मानते हुए कहा कि जब आदेश रद्द कर दिया गया तो वसूली कैसे सही मानी जा सकती है।

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