Hello, मैं KGMU से डॉक्टर जुनैद बोल रहा हूं... वहां मैं सस्ते में बेहतर इलाज कर दूंगा, जानें फिर क्या हुआ...

लखनऊ, अमृत विचार। हेलो, मैं केजीएमयू से डॉक्टर जुनैद बोल रहा हूं, यहां आपके मरीज को समुचित इलाज नहीं मिल पाएगा। मेरा दूसरा अस्पताल खदरा में एमजे नाम से है। वहां मैं सस्ते में बेहतर इलाज कर दूंगा। कुछ ऐसे ही शब्दों में मुस्कान के पास भी कॉल आई थी। इसका खुलासा सीएमओ की ओर से कराई जा रही जांच में हुआ है।
केजीएमयू में भर्ती मुस्कान के पति की हालत गंभीर थी। परेशान मुस्कान ने अनजान कॉल पर इसलिए भी भरोसा कर लिया क्योंकि ट्रूकॉलर पर भी डॉक्टर केजीएमसी व डॉ. जुनैद एमजे अस्पताल दिखा रहा था। पति की जान बचाने के लिए वह अनजान कॉल के झांसे में आकर पति को केजीएमयू से निकाल कर एमजे अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां इलाज के नाम पर वसूली की गई। मरीज की जान भी चली गई। अब पीड़िता की शिकायत पर सीएमओ ने दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। टीम ने अस्पताल संचालक से अस्पताल से इलाज से संबंधित प्रपत्र तलब किए हैं।
यह है मामला
गोलागंज निवासी मुस्कान की ओर से पुलिस कमिश्नर और सीएमओ को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पति आलम को बीमार होने पर केजीएमयू में भर्ती कराया था, जहां पति का इलाज चल रहा था। इसी बीच 14 नवंबर को खदरा पक्का पुल स्थित एमजे हॉस्पिटल से डॉ. जुनैद नाम के व्यक्ति का कॉल उनके मोबाइल पर आया। उसने केजीएमयू में मरीज को इलाज न मिलने की बात कही।
साथ ही बेहतर और सस्ता इलाज देने के जाल में फंसाकर मरीज को 14 नवंबर को ही केजीएमयू से एमजे हॉस्पिटल में शिफ्ट करा दिया गया। मुस्कान का आरोप है कि शुरुआत में 10 हजार रुपए एमजे हॉस्पिटल में जमा करवा लिए गए। पति के स्वस्थ होने पर भी जबरन ऑक्सीजन लगा दिया गया, जबकि केजीएमयू में ऑक्सीजन नहीं लगा था। बेड चार्ज और दवाओं के नाम पर डेढ़ लाख रुपए वसूल लिए गए। मृत्यु प्रमाण पत्र देने के लिए भी 20 हजार रुपये की मांग की गई।
डॉ. केडी मिश्रा समेत दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है।अस्पताल से सीसीटीवी फुटेज सहित इलाज से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी... डॉ. एनबी सिंह, सीएमओ।
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