बरेली: खतरे में बचपन...सूख रहा बच्चों के शरीर का खून

जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में एक सप्ताह में भर्ती हुए 24 बच्चे जांच में मिले एनीमिक

बरेली: खतरे में बचपन...सूख रहा बच्चों के शरीर का खून

बरेली, अमृत विचार : असंतुलित खानपान और परिजनों की अनदेखी के चलते बच्चे एनीमिया (खून की कमी) से ग्रसित मिल रहे हैं। आंकड़े भी यही बता रहे हैं। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में एक सप्ताह में भर्ती हुए 24 बच्चे एनीमिया से ग्रसित मिले हैं। इनमें से 17 बच्चों को सीवियर एनीमिक होने पर ब्लड चढ़ाना पड़ा। बच्चा वार्ड में भर्ती होने वाले जो बच्चे एनीमिया से ग्रसित मिले हैं, उनकी उम्र 1 से 10 वर्ष के बीच है। परिजनों के अनुसार बच्चे भोजन करने से कतराते हैं। जांच कराने पर पता चला कि बच्चों के शरीर में खून की कमी है।

ये कारण बन रहे वजह
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल अग्रवाल के अनुसार बच्चों के एनीमिया ग्रसित होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख कारण है खानपान का ठीक न होना, बच्चे छोटे होते हैं तो अगर दूध का सेवन कर रहे हैं तो परिजनों को लगता है उनकी सेहत पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं है, दूध से मिलने वाले पोषण के साथ अन्य पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। वहीं पेट में कीड़े हो जाने से सबसे अधिक एनीमिया होने का खतरा होता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को कृमि नाशक दवा का सेवन के साथ पोषण युक्त भोजन अवश्य दें। अनदेखी करने पर एनीमिया बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।

खूनी की कमी के ये हैं लक्षण
बच्चों में थकान, कमजोरी, बार-बार बीमार होना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन होना, खेलकूद या अन्य शारीरिक गतिविधि करने पर सांस फूलना, चेहरे और त्वचा का रंग पीला और सफेद होना आदि।

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