बाराबंकी : मूर्ति बनाने में जुटे मूर्तिकार, घर-घर विराजेंगे गजानन महाराज

6 से 17 सिंतबर तक होगा दस दिनों का गणेशोत्सव, तीन से दस हजार रुपये तक तैयार हो रहीं सामान्य प्रतिमाएं

बाराबंकी : मूर्ति बनाने में जुटे मूर्तिकार, घर-घर विराजेंगे गजानन महाराज

बाराबंकी, अमृत विचार । जिले में गणेश चतुर्थी का पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा। घर घर भगवान गजानन विराजमान किए जाएंगे। गणेश महोत्सव को लेकर मूर्तिकार भी बीते कई दिनों ऑर्डर के अनुसार मूर्तियां बनाने में जुटे हुए हैं। दस दिनों तक मनाए जाने वाला गणेशोत्सव 6 सितंबर से शुरु होकर 17 सितंबर तक चलेगा। तीन हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक गणेश की प्रतिमाएं उपलब्ध होने की बात मूर्तिकार बता रहे हैं। 

गणेश उत्सव को लेकर स्थानीय व बाहर से आए मूर्तिकार भी गणपति महाराज की प्रतिमाएं तेजी से बनाने में लगे हैं। शहर समेत फतेहपुर, रामनगर, सिरौलीगौसपुर, हैदरगढ़ और रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित कर नौ दिनों तक प्रतिदिन धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होेते हैं। अंतिम दिन भव्य विसर्जन जुलूस निकलता है। गणेशोत्सव को लेकर जिले में मूर्तिकारों द्वारा आर्डर तथा बिना आर्डर के भी हर साइज की गणेश प्रतिमाओं को तैयार करने में जुट गए हैं। मसौली ब्लॉक क्षेत्र के नेवला करसंडा गांव में मूर्तिकार राजू काफी साल से गणेश महाराज के साथ नवरात्रि के लिए मां दुर्गा की प्रतिमाएं तैयार करते हैं।

झारखंड प्रांत के रहने वाले मूर्तिकार राजू ने अमृत विचार को बताया कि वह करीब बीस साल से मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। इस बार भी गणेशोत्सव के लिए कई आर्डर मिले हैं। जिन्हे तैयार किया जा रहा है। उनके साथ पुत्र, पत्नी व परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग कर रहे हैं। वह बताते हैं कि सामान्य तौर पर प्रतिमाएं हाइट के हिसाब से तीन हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक बिक रही हैं। अधिकांश मूर्तियां पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) और कुछ मूर्तियां मिट्टी की भी बनाई जा रही हैं। आसपास के कई अन्य जिलों से भी आर्डर मिल रहे हैं।


फतेहपुर कस्बे में आधा दर्जन स्थानों पर होती है स्थापना

जिले में सबसे अच्छा आयोजन फतेहपुर कस्बे में होता है। लंबे समय से कस्बे के करीब आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित कर प्रतिदिन पूजा-अर्चना के साथ रात्रि में प्रतियोगिताएं, धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। कस्बे के ब्रहम्नीटोला, पचघरा, फैय्याजपुरा, जोशी टोला आदि मोहल्लों में इसका भव्य आयोजन होता चला आ रहा है। सभी स्थानों पर भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है। अंतिम दिन विसर्जन जुलूस के साथ महादेव तालाब व सरयू घाट पर प्रतिमाएं विसर्जित की जाती हैं।

बाईं ओर सूंड वाली प्रतिमा मानी जाती है शुभ

पं.अखिलेश चंद्र शास्त्री बताते हैं कि हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाला यह त्योहार 6 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर तक चलेगा। गणपति जी की पूजा करने से न केवल सुख-समृद्धि बल्कि ज्ञान की भी प्राप्ति होती हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई पहली बार गणपति बप्पा की स्थापना कर रहा है तो तो इसके लिए सही नियमों का पालन जरुर करें।

गणेश चतुर्थी के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी की सूंड बाईं ओर झुकी हो। ऐसी प्रतिमा को स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि प्रतिमा में गणेश जी का एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हो और दूसरे हाथ में मोदक हो।

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