बाराबंकी: 35 सुपरवाइजर और 180 गणनाकर्मी करेंगे पशुओं की गणना, एक सितंबर से क्षेत्र में उतरेगी टीम

प्रशिक्षण देकर पशु पालन विभाग ने पूरी की तैयारियां

बाराबंकी: 35 सुपरवाइजर और 180 गणनाकर्मी करेंगे पशुओं की गणना, एक सितंबर से क्षेत्र में उतरेगी टीम

बाराबंकी, अमृत विचार। हर पांच साल पर होने वाली पशुगणना एक सितंबर से जिले में शुरू होगी। जो 31 दिसंबर तक चलेगी। पशुओं की गणना के लिए 180 गणनाकर्ता लगाए गए हैं। जो 35 सुपरवाइजरों के नेतृत्व में एप पर गणना करेंगे। आंकड़े सीधे विभागीय पोर्टल पर अपलोड होंगे।

पशुओं की गणना के लिए पशुपालन विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। एक सितंबर से पशुओं की गणना चार माह तक चलेगी। 35 सुपरवाइजरों के निर्देशन में 180 गणनाकर्ता पशुओं की गणना का काम पूरा करेंगे। गणनाकर्मियों के रुप में पशु मित्र, पशुधन प्रसार अधिकारी, फार्मासिस्ट वेटनरी और पैरावट कर्मी शामिल हैं। जबकि सुपरवाइजर के रुप में पशु चिकित्साधिकारी और उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को शामिल किया गया है।

यह सभी गणनाकर्मी एक सितंबर से क्षेत्र में उतरेंगे। जो घर-घर जाकर मोबाइल एप के जरिए पशुओं की गणना करेंगे। इसमें पशु का नाम व नश्ल, पशुपालक का नाम, गांव, ब्लॉक समेत अन्य कई जानकारियों के साथ फोटो भी लेंगे जो विभागीय पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

गणना के कार्य में प्रधान और सचिवों की भी मदद लेने की बात कही गई है। 31 दिसंबर तक गणना का काम पूरा करना है। पिछली बार वर्ष 2019 में हुई पशुगणना में 10 लाख से अधिक मवेशी मिले थे। इनमें 324762 गाय, 508830 भैंस, 229206 बकरी,  5646 सुअर, 1499 घोड़ा व खच्चर और 400 भेंड शामिल थे। अब यह संख्या बढ़ेगी या घटेगी यह तो अगले वर्ष ही मालूम होगा। 

प्रशिक्षण में बताए गणना के तरीके
गणना को लेकर शुक्रवार को विकास भवन के सभागार में 35 सुपरवाइजरों को गणना के संबंध में मुूख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.अतुल अवस्थी ने जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार मोबाइल एप से ऑनलाइन गणना करनी है। पशुओं की गणना में नश्ल को भी शामिल करना है। फोटो भी खींचनी है। पूरी जिम्मेदारी के साथ इस महत्वपूर्ण काम को पूरा करना है। वहीं सभी पशुओं की गणना अलग- अलग होगी। यानी की गोवंश महिषवंश, भेड़, बकरी, सुअर व अन्य आदि की गणना अलग-अलग वर्गीकृत होगी। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया।

21वीं पशुगणना रविवार से शुरू होगी। सभी गणनाकर्मियों को प्रशिक्षण दे दिया गया है। ऑनलाइन रुप से गणना की जानी है। चार माह तक चलने वाली इस गणना को पूरी जिम्मेदारी के साथ करने को निर्देशित किया गया है-डॉ.अतुल अवस्थी, सीवीओ।

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